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अरविंद पनगढिया जैसे लोगों को हटायें पीएम नरेंद्र मोदी, देसी समझ वाले लोगों की सुनें : गोविंदाचार्

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रचारक से होते हुए भारतीय जनता पार्टी में महासचिव का पद संभाल चुके केएन गोविंदाचार्य पिछले कई सालों से पार्टी से छुट्टी पर चल रहे हैं. वह राजनीति की मुख्यधारा से भले अलग हो गये हों, पर उनकी छवि देसी चिंतक -विचारक की है. उनके पास भारत को देखने-समझने का अपना ‘स्वदेशी' नजरिया है. हाल ही में गोविंदाचार्य से बातचीत की प्रभात खबर डॉट कॉम के...

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दूसरी हरित क्रांति एक और भ्रांति-- योगेन्द्र यादव

हमारे प्रधानमंत्री को जुमलों का शौक है. खासतौर पर उधार के जुमलों का. इस बार उन्होंने ‘दूसरी हरित क्रांति’ का आह्वान किया है. हजारीबाग के निकट बरही में 28 जून को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ (हर बूंद से ज्यादा दाने पैदावार) का नारा दिया.   नारों में कुछ बुराई नहीं है, बशर्ते उनके पीछे कोई नयी सोच हो, नीति हो या नीयत...

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मौसम में फेरबदल कर सूखे का सामना करने की तैयारी में महाराष्ट्र

नई दिल्ली. इस साल कम बारिश की आशंका को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार पानी की कमी को पूरा करने के लिए 'क्लाउड सीडिंग' कराने पर विचार कर रही है। महाराष्ट्र के राहत एवं पुनर्वास विभाग के सचिव केएच गोविंदराज ने कहा, 'राज्य सरकार सरकार ने क्लाउड सीडिंग कराने के लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए हैं ताकि जरूरत से कम बारिश होने पर हम उसके मुकाबले के लिए तैयार रहें।' गोविंदराज...

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एसईजेड की विफलता, नए लैंड बिल पर सवाल

नई दिल्ली। आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए पहले किए गए भूमि अधिग्रहण लक्ष्य हासिल करने में विफल रहे हैं। नए विवादास्पद जमीन अधिग्रहण विधेयक (लैंड बिल) पारित कराने की जद्दोजहद को देखते हुए यह एक चेतावनी से कम नहीं है। नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (सीएजी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के लिए किसानों की अधिगृहित जमीन के अधिकतम 62 फीसदी का ही इस्तेमाल मैन्युफैक्चरिंग, निर्यात और...

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सकारात्मक बदलाव का पहला साल - संजय गुप्‍त

नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और एक कुशल प्रशासक की उनकी छवि के बल पर भाजपा ने पिछले वर्ष आम चुनाव में अप्रत्याशित रूप से अकेले बहुमत हासिल किया था। अब जब मोदी सरकार अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूरा करने वाली है, तब उसके कामकाज को कसौटी पर परखा जाना स्वाभाविक है। मोदी सरकार के बारे में एक बात बिना किसी संदेह के कही जा सकती है कि उसने निराशा...

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