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सरकारी स्कूलों में शिक्षा की खराब गुणवत्ता के लिए सिर्फ शिक्षकों को दोष देना उचित नहीं

देश के शिक्षा-संबंधी सभी अध्ययन और सर्वेक्षण इंगित करते हैं कि छात्रों का स्तर अपेक्षा से नीचे है. इस स्थिति के लिए आम तौर पर शिक्षकों को दोषी ठहरा दिया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि हमारे विद्यालयों का इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था बेहद लचर है. देश में एक लाख से अधिक विद्यालय ऐसे हैं, जहां सिर्फ एक शिक्षक है. अधिकतर विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात...

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सभी रोजगार बचाइए-- डा. भरत झुनझुनवाला

बीते साल 16 हजार करोड़ की बिक्री पर देश की इ-रिटेल कंपनियों ने 8 हजार करोड़ का घाटा खाया. 100 रुपये का माल बेचा, तो 50 रुपये का घाटा खाया. इस घाटे का एक कारण था कि स्नैपडील, फ्लिपकार्ट तथा अमेजन जैसी कंपनियों द्वारा भारी डिस्काउंट दिये जा रहे थे. इनकी रणनीति थी कि डिस्काउंट देकर एक बार खरीदार बना लेंगे, तो वह बार-बार उन्हीं से माल खरीदेगा. डिस्काउंट का...

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मनचाहा आॅरेंज रंग नहीं मिला तो रुकवा दिया साइकिल वितरण

जयपुर। राजस्थान में भाजपा की सरकार को स्कूली छात्राओं को वितरित करने के लिए आॅरेंज रंग की साइकिलें चाहिए। हाल में इसके लिए टेंडर मांगे गए लेकिन मनचाहा रंग नहीं मिला तो अब प्रक्रियाा रोक कर फिर से टेंडर मांगे गए हैं। राजस्थान सरकार प्रदेश में सरकारी स्कूलों में नवीं कक्षा से ऊपर की छात्राओं को साइकिलें बांटना चाहती है ताकि घर से स्कूल की दूरी के काारण लड़किया पढ़ाई नहीं...

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स्कूल के भारी बस्ते से तंग दो छात्रों ने बुलाया प्रेस कांफ्रेंस

चन्द्रपुर (महाराष्ट्र) : स्कूल के भारी बस्ते के बोझ से लदे सातवीं कक्षा के दो छात्रों ने पांच-सात किमी से अपने कंधों पर भारी बस्ता लटकाकर पढने के लिए आने वाले छात्रों की दुर्दशा बयान करने के लिए यहां एक पत्रकार सम्मेलन आयोजित किया है. स्थानीय प्रेस क्लब में जुटे पत्रकार कल उस समय अचंभे में पड़ गये, जब स्थानीय विद्या निकेतन स्कूल के दो छात्र अंदर आये और उन्होंने...

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साक्षरता और समृद्धि से भी बढ़ी मुकदमों की संख्या

भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर ने कहा है कि देश के विभिन्न न्यायालयों में लम्बित पड़े मामलों का सम्बंध प्रत्यक्ष तौर पर साक्षरता व समृद्धि से भी है। ऐसा विभिन्न अध्ययनों में सामने आया है। उन्होंने कहा कि जहां लोग शिक्षित हैं, वहां वह अपने अधिकारों के प्रति ज्यादा जागरूक है और उच्च साक्षरता दर के कारण अपनी छोटी-छोटी शिकायतों के लिए भी अदालतों की शरण लेते...

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