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निर्भर नहीं, आत्मनिर्भर !- मिहिर शाह

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) क्रांतिकारी जनपक्षधर विकास कार्यक्रमों का वायदा करती है। ग्राम सभा और ग्राम पंचायतों द्वारा उसकी योजना, क्रियान्वयन और जांच-परख से हजारों स्थायी रोजगार पैदा हो सकते हैं। लेकिन नरेगा की लड़ाई बरसों से चले आ रहे एक बुरे अतीत के साथ है। पिछले साठ सालों से ग्रामीण विकास की योजनाएं राज्य की इच्छा और सदाशयता पर ही निर्भर रही हैं। श्रमिकों को दरकिनार करने वाली मशीनों और ठेकेदारों को काम...

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ग्रामीण भारत में गरीबों की तादाद आधिकारिक आकलन से ज्यादा

यह बात अब आधिकारिक सूचना में आ चुकी है कि भारत में गरीबी पहले के अनुमानों से कहीं ज्यादा है। इस माह की 9 तारीख को सौंपी गई सुरेश तेंदुलकर समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में गरीबी 37 फीसदी(2004-05) है ना कि 28 फीसदी, जैसा कि पहले के आकलनों में माना जाता रहा है।यदि तेंदुलकर समिति के आकलन में खाद्य पदार्थों की कीमतों में हुई मौजूदा बढ़ोतरी को जोड़ दें...

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मध्यप्रदेश में दलितों पर अत्याचार

  मध्यप्रदेश के जिले नरसिंहपुर के उपमंडल गदरवारा के दलित समुदाय भुखमरी के कगार पर हैं।तथाकथित ऊंची जातियों द्वारा उनपर सामाजिक और आर्थिक प्रतिबंध लगाकर लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। कारण मात्र इतना कि दलित समुदाय के लोगों ने मृत मवेशियों सड़े-गले अवशेष उठाने से उनकार कर दिया है।नागरिक संगठनों के एक तथ्यान्वेषी दल का कहना है कि गदरवारा में कई जगहों पर दलित अपने घरों में कैद हैं क्योंकि उनके निकसार के सारे रास्ते...

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गरीबों को मुख्यधारा में लाएगी यूआईडी योजना : नीलकनी

भोपाल. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी यूआईडी (विशिष्ट पहचान संख्या) योजना का पहला नंबर फरवरी 2011 तक जारी हो जाएगा। इस वृहद परियोजना का लाभ उन करोड़ों गरीबों को मिलेगा, जिनकी सरकारी तंत्र में कोई पहचान नहीं है और जो समाज में हाशिए पर हैं। यह कहना है यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के अध्यक्ष पद्मभूषण नंदन नीलकनी का। एक दिन के भोपाल प्रवास के दौरान दैनिक भास्कर कार्यालय...

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सूचना के अधिकार अधिनियम की धार कुंद करने की कोशिश

रोजमर्रा के राजकाज में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम समझा जाने वाला सूचना का अधिकार नियम गंभीर खतरे की जद में है। पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान इस ऐतिहासिक अधिनियम को बार-बार अपनी उपलब्धि कहकर भुनाने वाली यूपीए सरकार अब सत्ता के गलियारों में ऊंची कुर्सियों पर काबिज लोगों के आगे झुकते हुए इस अधिनियम में बदलाव करने वाली है ताकि नागरिकों के हाथ मजबूत करने वाला...

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