नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सरकार की तमाम कोशिशों और दावों को धता बताते हुए खाद्य वस्तुओं की महंगाई काबू से बाहर होने लगी है। खाने-पीने की चीजों के महंगा होने से आम लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। सब्जियों, फल और दूध के मूल्य बढ़ने से थोक मूल्यों पर आधारित खाद्य महंगाई की दर 11 फीसदी के पार पहुंच गई है। दालें और मोटे अनाज के स्थिर मूल्य भी चढ़ने लगे हैं।...
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महंगाई ने फिर दिखाया रौद्र रुप
महंगाई को जल्दी काबू में करने का वादा कर रही सरकार को जबरदस्त झटका लग गया है। दऱअसल महंगाई के आंकड़े में जोरदार उछाल आ गया है। बीते 8 अक्टूबर को खत्म हफ्ते में खाद्य महंगाई 10.6 फीसदी के स्तर पर जा पहुंची है। इसके पिछले हफ्ते में यह आंकड़ा 9.32 फीसदी के स्तर पर था। इस दौरान प्रमुख खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर भी बढ़कर 11 फीसदी के पार...
More »जमीन से जुड़े जरूरी सवाल : हर्ष मंदर
स्वतंत्रता के इतने सालों के बाद भी लाखों देशवासी और उनके संघर्ष हमारी नजरों से ओझल हैं। भूमि अधिग्रहण और विस्थापन के कारण लाखों लोगों ने अनगिनत कष्ट सहे, लेकिन उनकी तकलीफों की कहानी कभी भी पूरी तरह सामने नहीं आई। ‘विकास’ की कीमत किसानों और खेतिहर श्रमिकों की अनेक पीढ़ियों को चुकानी पड़ी है। उन्हें बलपूर्वक अपनी धरती से बेदखल करने का अर्थ है अपने सबसे निर्धन अन्न उत्पादकों को सताना, ताकि...
More »खरीफ फसलों को 1100 करोड़ ऋण वितरित
रायपुर। छत्तीसगढ़ में खरीफ फसलों की खेती के लिए किसानों को अब तक 1,150 करोड़ रुपये से ज्यादा ऋण वितरित किया गया। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यहा बताया कि खरीफ फसलों की खेती के लिए छत्तीसगढ़ के किसानों को अब तक।,077 करोड़ रुपये से अधिक राशि का अल्पकालिक कृषि ऋण वितरित किया जा चुका है। पिछले वर्ष खरीफ सीजन में यह राशि 850 करोड़ रुपये थी। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी...
More »लूट से बेपरवाह- अनुपमा
2,800 करोड़ रु इधर-उधर हो गए और 4,765 करोड़ रू का कोई हिसाब नहीं. झारखंड में कैग की हालिया रिपोर्ट यह भी बता रही है कि यह सब कैसे हुआ. इसके बावजूद सरकार और उससे भी ज्यादा विपक्ष की चुप्पी हैरान करती है. अनुपमा की रिपोर्ट चारा घोटाले के वक्त बिहार में अक्सर कहा जाता था कि नेता-अधिकारी जानवरों का चारा तक डकार गए. पिछले दिनों झारखंड विधानसभा में पेश कैग रिपोर्ट के...
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