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पहले गेहूं, अब चावल- खराब मौसम की मार के कारण इस सीजन में ‘10 मिलियन टन’ तक गिर सकता है उत्पादन

दिप्रिंट , 27  जुलाई अप्रैल-मई में भीषण गर्मी के कारण देश में गेहूं की फसल खराब हो गई थी, जिसकी वजह से निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा और अब मौजूदा खरीफ सीजन की मुख्य फसल चावल की बुवाई कई राज्यों में कम बारिश के कारण प्रभावित हुई है. उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों में इस मानसून के मौसम में अब तक कम बारिश हुई है, जबकि असम...

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छत्तीसगढ़ विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हुए दो संकल्प, क्या हैं इसके मायने

डाउन टूअर्थ, 27 जुलाई  बीते रोज यानी 26 जुलाई 2022 को छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही कई मायनों में उल्लेखनीय रही। इस दिन जिस सक्रियता से राज्य के जंगलों, आदिवासी समुदायों, प्रकृति और उनके संरक्षण पर पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों ने बहस में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, उसकी सराहना की जानी चाहिए। केवल हसदेव अरण्य से जुड़े हुए करीब 20 प्रश्नों पर चर्चा हुई। इसी दिन विधानसभा ने दो महत्वपूर्ण संकल्प भी...

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बाढ़ को असम से इतनी मोहब्बत क्यों ?

हर बरस की बात है यहां. बारिश का सीजन आता है. बाढ़ की खबरें आती हैं. मौत के आंकड़े आते हैं और, अंत में ‘राहत की घोषणा’ होती है! घोषणा आते ही सरकार की वाहवाही शुरू हो जाती हैं. इस वाहवाही की गूंज के पीछे छिप जाती है आम लोगों की ‘चीत्कार’...ऐसी ही कहानी है ‘असम’ की. उत्तर–पूर्वी भारत का एक राज्य जो मई और जून के महीनों में बाढ़ से जूझता...

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क्षेत्रपति वर्ग’ के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है मौजूदा दौर

जनचौक, 24 जुलाई भारत में ‘क्षेत्रपति वर्ग’ का उल्लेख वेदों में स्पष्ट रूप से मिलता है। यह वो वर्ग है जो  भूमि स्वामी रहे। इस वर्ग में विभिन्न नस्ल जातियां धर्म और क्षेत्रों के लोग मूल रूप से भूमि से जुड़े कार्यों से जीवन यापन करते थे। जो मुख्यत: किसान थे। भौगोलिक क्षेत्र में कृषि कार्यों पर आधारित जीवन शैली ने क्षेत्रपति वर्ग का निर्माण किया!  कृषि उद्योग ही जीवन पद्धति का मूल अंग रहा! क्षेत्रपति वर्ग में नस्ल जाति धर्म का कोई आधारगत वर्गीकरण...

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घुमंतू समाज से सरकारी विश्वासघात के 70 साल

कारवां, 22 जुलाई  2019 के बजट में केंद्र सरकार ने घुमंतू समाज के लिए एक नया आयोग और राज्यों में घुमंतू बोर्ड बनाने की घोषणा की और नीति आयोग के मातहत घुमंतू समुदायों के उत्थान हेतु एक पद सृजित कर उसका अध्यक्ष भीखूराम इदाते को बना दिया. लेकिन आज तक ना नीति आयोग ने कुछ किया और ना इदाते ने. हिंदुस्तान में घुमंतू समुदायों की आबादी लगभग 10 फीसदी है यानी 13...

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