नई दिल्ली। इस बार देश में मानसून की अच्छी वर्षा के चालते खरीफ (गरमी की) फसलों का उत्पादन 12 करोड़ 93.2 लाख टन हो जाने का अनुमान है। यह पिछले साल की तुलना में थोड़ा ज्यादा है। देश के आधे से भी अधिक भाग में मानसून सामान्य रहा है। कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि, वर्ष 2013..14 में खरीफ में कुल खाद्यान्न उत्पादन पिछले वर्ष के मुकाबले निश्चित तौर पर...
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नेताओं के एजेंडे में नहीं है आम आदमी - तवलीन सिंह
कई विद्वानों का मानना है कि भारतवासी भारत में रहकर वैसी कामयाबी हासिल नहीं कर सकते, जो विदेशों में पहुंचते ही उनको नसीब हो जाती है। इस बार न्यूयॉर्क में मुझे इस बात की सच्चाई का गहरा एहसास हुआ। जिस दिन यहां पहुंची एक पारसी दोस्त की बेटी की शादी में कानक्टीकट जाना हुआ और रास्ते में पता चला कि गाड़ी का ड्राइवर देसी था। उसके साथ बातें शुरू हुई, तो पता...
More »गन्ने मूल्य में मामूली वृद्धि की सिफारिश
नई दिल्ली। चुनावी साल होने के बावजूद गन्ना किसानों को केंद्र सरकार की ओर से तोहफा मिलने की उम्मीद कम ही है। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग [सीएसीपी] ने अगले चीनी वर्ष 2014-15 [अक्टूबर-सितंबर] के लिए गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य [एफआरपी] में दस रुपये की मामूली बढ़ोतरी की सिफारिश की है। सीएसीपी ने अगले सीजन के लिए इसका मूल्य बढ़ाकर 220 रुपये प्रति क्विंटल करने का सुझाव दिया...
More »बन नहीं सके शहरी गरीबों के आवास
रांची: राज्य के तीन शहरों रांची, धनबाद व जमशेदपुर में गरीबों को आवास मुहैया कराने की योजना फेल हो गयी है. केंद्र सरकार की योजना बेसिक सर्विसेज टू द अरबन पुअर (बीएसयूपी) के लिए अब तक 144.39 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं, लेकिन पांच वर्षो में इन शहरों ने मात्र 18 करोड़ रुपये ही खर्च किये हैं. इसमें से 17.40 करोड़ रुपये रांची नगर निगम ने खर्च किये हैं....
More »फेरीवालों को सम्मान का हक है- सुधांशु रंजन
दैनिक जरूरतों की वस्तुएं घर के निकट उपलब्ध करानेवाले मेहनतकशों का हर दिन असुरक्षा और अपमान के बीच बीतता है. उनके दु:ख-दर्द को देखते हुए उनके हकों को कानूनी जामा पहनाने का एक क्रांतिकारी कदम उठाया गया है. भारत में 90 फीसदी से अधिक लोग असंगठित क्षेत्रों में काम करते हैं. उनकी कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं होती. इनमें एक बड़ा वर्ग फेरीवालों का है, जो सड़कों के किनारे और गलियों में...
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