हमने तंत्र और उसे चलाए रखने वाले लोगों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये सूचना के अधिकार कानून की पैरवी की थी, परन्तु जब सरकार इसे लागू करने के लिये जिम्मेदार आयोगों में नौकरशाहों को नियुक्त करने लगती है तब हमें चौकन्ना हो जाना चाहिये. अपने सेवाकाल के करीब तीस सालों या 12775 दिनों में तंत्र के हिस्से के रूप में काम करते हुये जिन लोगों ने उसे गैर जवाबदेह बनाया,...
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लागत भी कम, और फसल भी ज्यादा
जालंधर/अलावलपुर। जालंधर जिले के कुछ किसानों ने गेहूं की परंपरागत ढंग से बिजाई से किनारा कर लिया है। गेहूं की बिजाई के लिए पराली कोजलाने की बजाय इन्होंने इस पर ही बिजाई की है। जिले में इस बार 165 एकड़ पर गेहूं की बिजाई इस तरीके से की गई है। हालांकि अभी यह क्षेत्र कम है, लेकिन खेती के माहिर इसे अच्छी शुरुआत बता रहे हैं। जिले में हर साल में...
More »नए साल से कामगारों को न्यूनतम मजदूरी 135 रुपये
राजस्थान सरकार ने श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी को बढ़ा दिया है। श्रम एवं नियोजन विभाग के प्रमुख शासन सचिव मनोहरकांत ने शुक्रवार को यहां बताया कि बढी हुई मजदूरी की दरें एक जनवरी से लागू होंगी। उन्होंने बताया कि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत एक मार्च 2008 से लागू दरों में बढ़ोतरी करते हुए एक जनवरी 2011 से अकुशल कामगारों को न्यूनतम 135 रुपये, अर्द्धकुशल को 145...
More »1 पैसे प्रति लीटर में शुद्ध होगा पानी
इंदौर. गंगा-यमुना हों या खान नदी..सभी मैली हो चुकी हैं। इनके पानी में प्रदूषण हद से गुजर चुका है। परंतु राहत की बात यह है कि इनका पानी सिर्फ एक पैसे प्रति लीटर में शुद्ध किया जा सकता है। हाल ही में केंद्र सरकार को सौंपी गई गंगा नदी घाटी प्रबंधन योजना की रिसर्च रिपोर्ट में यह तथ्य बताया गया है। यह रिपोर्ट आईआईटी कानपुर में इन्वायरन्मेंट इंजीनियरिंग मैनेजमेंट साइंस के...
More »क्या सोचा क्या पाया
जिन सपनों को लेकर एक दशक पहले उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था उनमें से कितने सपने आंखों से उतरकर जमीन पर चल पाए हैं? नौ नवंबर को उत्तराखंड राज्य दस साल का हो गया. दस साल की उम्र किसी राज्य का भविष्य तय करने के लिए काफी नहीं होती, पर ‘पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं’ वाली कहावत के हिसाब से देखा जाए तो उस भविष्य का अंदाजा लगाने के...
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