SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 15201

विश्व बैंक ने फंड देने से किया इनकार तो अधर में लटका भारत का तटीय मिशन!

डाउन टू अर्थ, 21 मार्च   भारत सरकार के राष्ट्रीय तटीय मिशन को विश्व बैंक ने पैसा देने से इंकार कर दिया तो सरकार ने इसके बजट में भारी कटौती कर दी और मिशन को 'अधर' में छोड़ दिया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन पर बनी विभाग संबंधित संसदीय समिति ने इस पर एतराज जताया है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के मांग अनुदान (2023-24) को लेकर सौंपी गई...

More »

पंजाब में गिरते भूजल स्तर के बावजूद जारी है धान की खेती

भूजल स्तर पर धान की खेती के असर को देखते हुए लंबे समय से पंजाब में इस बात पर चर्चा हो रही है कि धान की खेती को कम किया जाए। इसके बावजूद, ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अभी भी पंजाब की खेती में सबसे ज्यादा हिस्सा धान की खेती का ही है। पंजाब के कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब में खरीफ की फसल के समय (जून से अक्टूबर)...

More »

बाजरा लेगा गेहूं की जगह! कैसे बाजरे को खाने में बहुपयोगी और ‘लक्जरी’ बना रहा है ICAR

दिप्रिंट , 20 मार्च साल 2016 में अपनी सास द्वारा बनाए गए इडियप्पम, या राइस स्ट्रिंग हॉपर, वाले खाने का लुफ्त उठाती विनुथा टी. को यह देखकर काफ़ी हैरानी हुई कि इस डिश में चावल के आटे का स्वाद काफी नया था. आईसीएआर-इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईएआरआई) में बायोकेमिस्ट विनुथा ने कहा, ‘उन्होंने मुझे बताया कि असल में तो वह आटा आठ से नौ महीने पुराना था लेकिन मुझे तो यह एकदम...

More »

उत्तराखंड में चार दिन से भूखे बच्चों को मां ने खिलाया सल्फास

जनचौक, 20 मार्च  करीब चार दशक पहले साल 1985 में जब ओडिशा के कालाहांडी इलाके में पेट पालने के लिए अपनी 14 वर्षीय ननद को चालीस रुपए में बेचने वाली महिला फनस पुंजी की खबर देश-दुनियां के अखबारों की सुर्खियां बनकर भारत के लिए वैश्विक शर्मिंदगी की वजह बनी थी। तब से अब तक विचलित कर देने वाली इस तरह की खबरों का सिलसिला नहीं थमा। इस महिला से मिलने के बाद...

More »

पुश्तैनी रोजगार को बचाने में उपयोगी बन रही सौर ऊर्जा, आगे बढ़ाने के लिए सरकारी मदद जरूरी

  मोंगाबे हिंदी, 20 मार्च आधा अक्टूबर करीब-करीब बीत चुका था। 44 साल के कुम्हार रघुराम कुलाल चाक पर मिट्टी का घड़ा बनाने में व्यस्त थे। किसी पारंगत कुम्हार की तरह उनकी उंगलियां तेजी से गीली मिट्टी को नया आकार दे रही थीं। लेकिन एक चीज ऐसी थी जो उनके सामने चल रहे चाक को पुराने चाक से अलग करती थी। उनका चाक सौर ऊर्जा से चल रहा था। कुलाल का घर कर्नाटक...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close