कृषि के संदर्भ में राष्ट्रीय नमूना सर्वे संगठन (एनएसएसओ) की हालिया रिपोर्ट साफ तौर पर बताती है कि कृषि न केवल संकट के दौर से गुजर रही है, बल्कि उसका तेजी से क्षरण भी हो रहा है। मैं चकित नहीं हूं। आखिरकार 1996 में ही विश्व बैंक ने भारतीय कृषि के पतन की दिशा बता दी थी। तब विश्व बैंक ने अनुमान लगाया था कि अगले बीस वर्षों में भारत...
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कठिन चुनौतियां और नीति आयोग- वाई के अलघ
अरविंद पनगढ़िया को उपाध्यक्ष मनोनीत किए जाने के साथ ही नीति आयोग (नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिग इंडिया) को लेकर जारी कई अटकलों को विराम मिल गया है, लेकिन इस आयोग को लेकर कई उत्सुकताएं अब भी लोगों के दिमाग में बनी हुई हैं। दरअसल, केंद्र में आई नई सरकार ने 24 अगस्त को 20 विशेषज्ञों को बुलाकर उनसे यह सवाल पूछा था कि मौजूदा योजना आयोग...
More »खुले बाजार के समर्थक हैं पनगढ़िया
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नीति आयोग (नेशनल इंस्टीट्यूशन फोर ट्रांसफॉर्मिग इंडिया) पहले उपाध्यक्ष मशहूर अर्थशास्त्री और खुले बाजार के समर्थक अरविंद पनगढ़िया को बनाया गया है. वहीं, अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय और डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख वीके सारस्वत को आयोग का पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त किये गये हैं. नीति आयोग समाजवाद के दौर के 65 वर्ष पुराने योजना आयोग की जगह गठित किया गया है. इसके गठन की घोषणा एक...
More »पुरानी परेशानियों का खुलेगा पिटारा - जयराम रमेश
विगत सोमवार को मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून-2013 में संशोधन के लिए प्रस्तावित अध्यादेश को मंजूरी दे दी। इस संशोधन के संदर्भ में जो कुछ सामने आया है, उसके तहत कुछ परियोजनाओं की अलग श्रेणी बनाई गई है, जिन्हें कथित तौर पर त्वरित ढंग से पूरा किया जाना है। इस श्रेणी के तहत जो विषय शामिल किए गए हैं, उनमें औद्योगिक कॉरिडोर, रक्षा एवं रक्षा उत्पादन तथा ग्रामीण बुनियादी...
More »पशुपालन है भूमिहीन परिवारों की जीविका का मुख्य आधार- एनएसएसओ की रिपोर्ट
गंवई इलाकों में सबसे गरीब लोगों के लिए पशुपालन अब भी जीविका का मुख्य स्रोत बना हुआ है। एनएसएसओ की 17 वीं दौर की गणना पर आधारित एक रिपोर्ट के अनुसार जिन खेतिहर परिवारों के पास 0.01 हैक्टेयर या इससे कम रकबे की जमीन है उनमें तकरीबन 20 प्रतिशत परिवार जीविका के लिए मुख्य रुप से पशुपालन पर निर्भर हैं। गौरतलब है कि ऐसे परिवारों में भूमिहीन परिवार भी शामिल...
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