नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। चालू रबी सीजन में गेहूं की पैदावार को बढ़ाने की सरकारी मंशा पर खादों की कमी पानी फेर सकती है। गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर, मध्य प्रदेश और बिहार में बुआई के लिए डीएपी और एनपीके जैसी खादों की कमी है। जबकि पंजाब व हरियाणा में, जहां गेहूं की बुआई लगभग हो खत्म चुकी है, पहली सिंचाई के वक्त यूरिया की कमी खल रही है। राज्य सरकारों ने...
More »SEARCH RESULT
अलख जगाती एक यात्रा-- मेधा
११ दिसंबर दिन शनिवार का है। बापू की समाधि राजघाट पर जनमेला लगा है। देश भर से लोग अपनी रंगत, अपने लिबास, अपनी भाषा में विविधता संजोए आए हैं। कुछ है जो रंग-बिरंगी विविधता से भरे इन लोगों के मन को एकरस बना रहा है। सब के दिलों में एक ही तमन्ना धड़क रही है। और वह तमन्ना है - शस्य श्यामला ध्रती की उर्वरा-शक्ति, उसकी जीवंतता को बचाने की,...
More »असरदार फनकारों के चमत्कार- शांतनु गुहा रे
अपनी तिकड़मों और पहुंच के ज़रिए हर सरकारी ताले को खोलने की क्षमता और हर लाल फीते की काट रखने वाले असरदार लोगों की सर्वव्यापी मगर अदृश्य दुनिया...शांतनु गुहा रे की रिपोर्ट . पिछले महीने का एक शांत मंगलवार. मध्य दिल्ली के एक पांच सितारा होटल की सबसे ऊपरी मंज़िल. रेस्टोरेंट की दर्जनों मेजों में से सिर्फ चार पर ही लोग नज़र आ रहे हैं. एक मेज पर एक पूर्व वरिष्ठ...
More »विस्थापन
खास बातें- दुनिया में सबसे ज्यादा बड़े बांध बनाने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। यहां अभी 3600 से ज्यादा बड़े बांधे हैं, जबकि 700 से ज्यादा अभी बनने की प्रक्रिया में हैं। भारत में बांधों की वजह से हुए विस्थापन के बारे में अलग अलग-अलग अनुमान हैं। दास और राव (1989) ने दावा किया कि भारत में बांध परियोजनाओं की वजह से दो करोड़ दस लाख लोग विस्थापित हुए। बड़े...
More »खाद-बीज के लिए हाहाकार
रबी सीजन शुरू होते ही हर साल की तरह इस सत्र में भी खाद-बीज के लिए हाहाकार मचने लगा है। खाद-बीज के उपलब्धता के शासन व प्रशासन के दावे बेकार साबित हो रहे हैं। पंचायत चुनाव और उसके बाद दीवाली की छुट्टियों के नाते सभी सहकारी समितियों और कृषि विभाग के गोदामों पर अभी खाद-बीज पहुंचा नहीं। जो पहुंचा वह कब और कहां बंट गया किसी को पता नहीं। हमारे गगहा...
More »