छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत ने कृषि संकट को राजनीतिक बहस के केंद्र में ला दिया है। इस चुनावी जीत के निश्चय ही कई कारक थे, लेकिन खेतिहरों की दुश्वारियां इन सबमें प्रमुख थीं। यह माना जाता है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी कृषि संकट को लेकर उदासीन रही है, बल्कि कुछ हद तक उसने इसे बढ़ाया ही है, लेकिन वास्तव में इस...
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किसानों को बड़ी राहत, ये बड़ा कदम उठाने की तैयारी में योगी सरकार
योगी सरकार हाल ही में धान बेचने वाले किसानों और राइस मिलरों को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है। किसानों को धान का उचित मूल्य न मिलने की शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल को राहत का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है। वित्तमंत्री ने गुरुवार को प्रमुख सचिव खाद्य, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री और खाद्य आयुक्त के साथ लंबी बैठक की। वह सोमवार...
More »बिहार में अब 30 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य
पटना : केंद्र सरकार ने बिहार में धान खरीद का लक्ष्य बढ़ाने के राज्य सरकार के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है. अब पिछले साल की तरह 30 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है. सबसे अधिक 2.10 लाख टन धान रोहतास जिले से खरीदने का लक्ष्य रखा गया है. पैक्स और व्यापार मंडलों के माध्यम से धान की खरीद होगी. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने...
More »हकीकत को जानने का नया औजार-- कार्तिक मुरलीधरन
सरकारी दफ्तरों में बैठे हुए हाकिमों को ‘जमीनी हकीकत' जानने में जो समस्या पेश आती है, वह कोई नई नहीं है। इतिहास बताता है कि अशोक से लेकर अकबर तक तमाम सम्राट सच जानने के लिए वेश बदलकर अपने राज्य में घूमा करते थे। आज भी हमारी सरकारों के लिए यह जानना एक बड़ी चुनौती है कि उनकी जन-हितकारी योजनाएं कैसी चल रही हैं? कनिष्ठ अधिकारी अक्सर इन योजनाओं...
More »मोदी राज में किसान: डबल आमद या डबल आफत?
खेती-किसानी के मोर्चे पर केंद्र सरकार ने गुजरे चार सालों में क्या कुछ किया है, उसपर आप महज एक घंटे में राय बनाना चाहते हैं तो फिर यह पुस्तक आप ही के लिए है.(पुस्तक आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं) किसानी के मोर्चे पर केंद्र सरकार के हासिल-लाहासिल को परखने के तीन रास्ते हो सकते हैं. एक तो सरकार के वादों को परखना कि वे किस हद तक पूरे हैं. दूसरे, सरकार के दावों...
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