भोपाल। प्रदेश में सस्ते राशन के लिए पात्र बीपीएल परिवारों की संख्या से ज्यादा राशनकार्ड हैं। ये खुलासा हुआ है विस में पटल पर रखी गई कैग की रिपोर्ट में। 2009-14 तक की जांच के आधार पर कैग ने कहा है कि बड़वानी, धार, खंडवा, रतलाम और उज्जैन में अतिरिक्त कार्डों का प्रतिशत 4 से 22 तक पाया गया है। इसके लिए केंद्र सरकार के निर्देश के बावजूद घर-घर जाकर सत्यापन...
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गांव और गरीब की चिंता कब?- अश्विनी महाजन
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2011 में हुई जनगणना के आर्थिक, सामाजिक गणना के आंकड़े हाल ही में प्रकाशित किये गये हैं. ये आंकड़े भारत में गरीबों की वर्तमान दुर्दशा की कहानी बयान कर रहे हैं. चिंता का विषय केवल यह नहीं है कि गरीबों की हालत खराब है, बल्कि वह पहले से तेज गति से बदतर होती जा रही है. गौरतलब है कि अभी ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ही ये...
More »खुले में शौच: तादाद में चालीस करोड़ की कमी लेकिन पड़ोसियों से पीछे
बीते पच्चीस सालों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या कम करने की रफ्तार के लिहाज से भारत पड़ोसी नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान से पीछे है. यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1990 से 2015 के बीच खुले में शौच करने वालों की संख्या में 31 फीसदी की कमी हुई है जबकि पड़ोसी नेपाल में (56 प्रतिशत), पाकिस्तान(36 प्रतिशत), बांग्लादेश(33 प्रतिशत) में यह रफ्तार...
More »गरीबी से अमीरी के सफर में कहीं खो जाती है सेहत
न्यूयॉर्क। गरीबी के परिवेश में पैदा होने वाले बच्चे बेशक अपनी मेहनत से सफलता की सीढ़ियां चढ़ जाते हैं, लेकिन यह सफलता अक्सर उन्हें उनकी सेहत की कीमत पर मिलती है। एक नए शोध के अनुसार गरीबी में पैदा होने के बाद सफलता का मुंह देखने वाले युवाओं में बुढ़ापे के चिह्न भी जल्द दिखने लगते हैं। कई मामलों में तो ऐसे युवाओं का जीवन उनके समकालीनों की अपेक्षा काफी छोटा...
More »ये तस्वीर न्याय मांग रही है...-- रुचिर गर्ह
रायपुर के औद्योगिक इलाके की इस भयानक दुर्घटना के साथ ही छत्तीसगढ़ के औद्योगिक हादसों में एक काला धब्बा और जुड़ गया है। इस हादसे में तीन गरीब जिंदा जल गए ! इन्हीं में से किसी एक के अवशेष की यह तस्वीर विचलित कर सकती है, लेकिन हम इसे प्रकाशित कर रहे हैं। इसे प्रकाशित करते हुए हमारे जेहन में प्रसिद्ध फोटोग्राफर रघु राय की खींची भोपाल गैस काण्ड का...
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