डोमचांच (कोडरमा)। भीषण वायु प्रदूषण के संकट से जूझ रहे हैं डोमचांचवासी। स्टोन चिप्स के धूल के कारण डोमचांच एवं इसके आसपास क्षेत्र के पेड़-पौधे व जंगलों का भीषण विनाश हो रहा है तथा लोग श्वांस और टीबी संबंधी बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। वायु प्रदूषण का मुख्य कारण यहां पर नीरू पहाड़ी से लेकर पुरनाडीह तक दस किमी क्षेत्र में फैले सैकड़ों क्रशर मिलों से उड़ने वाला धूलकण है। सड़क के किनारे दोनों...
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पत्ता चूसकर प्यास बुझा रहे हैं ग्रामीण
सिमरिया : लावालौंग प्रखंड के टिकदा टोला सुथाय गांव के लोग भीषण पेयजल संकट से जूझ रहे है. गांव वाले पत्ता चूसकर प्यास बुझा रहे हैं. सखुवा, आंवला का पत्ता चुस कर तरास मिटाते है. सुथाय गांव प्रखंड मुख्यालय से 25 किमी दूरी पर स्थित है. इस गांव के लोग सालोंभर मंहगी नाला से पानी पीते है. इन दिनों पड़ रही भीषण गरमी के कारण नाला सूख गया है. ग्रामीणों का...
More »जंगल से कटकर सूख गये मालधारी- शिरीष खरे
एशियाई शेरों के सुरक्षित घर कहे जाने वाले गिर अभयारण्य में बरसों पहले मालधारियों का भी घर था. ‘माल’ यानी संपति यानी पशुधन और ‘धारी’ का मतलब ‘संभालने वाले’. इस तरह पशुओं को संभाल कर, पाल कर मालधारी अपनी आजीविका चलाते थे. एक दिन पता चला कि अब इस इलाके में केवल शेर रहेंगे. फिर धीरे-धीरे मालधारियों को उनकी जड़ों से उखाड़कर फेंकने का सिलसिला शुरु हुआ. जंगल में मालधारी आज की...
More »गंगा-सोन के किनारे, पटना जिले में प्यासे बैठे बेचारे
पटना गंगा व सोन के तटों पर बसे पटना जिला के तमाम प्रखंडों में ही नहीं बल्कि राजधानी भी तेज गर्मी के साथ पानी की समस्या जूझ रही है। पेयजल संकट दरअसल यहां की नियति बन गई है। चापाकल व कुएं सूखने लगे हैं। सरकारी नलकूपों की स्थिति जर्जर है। गांव से शहर तक में 'रेन हार्वेस्टिंग' की बात तो हो रही पर संपूर्णता में इसे आकार नहीं पा सका। शहरी विकास योजनाओं की...
More »बस्तर के पिछड़ेपन के लिए नक्सल हिंसा जिम्मेदार
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बस्तर के पिछड़ेपन के लिए नक्सलियों को जिम्मेदार ठहराया है तथा कहा है कि आदिवासियों के विकास में रुकावट डालने वालों को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कल यहां ''भारत की अनुसूचित जनजातियां: कल, आज और कल'' विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी के इस आधुनिक दौर में भी यदि के बस्तर संभाग के आदिवासी...
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