-गांव सवेरा, ग्रामीण भारत में गरीबी के उन्मूलन और आर्थिक विकास हेतु अच्छी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच होना महत्वपूर्ण है। यह लेख, भारत मानव विकास सर्वेक्षण (आईएचडीएस) के 2004-05 और 2011-12 के आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए दर्शाता है कि पक्की सड़कों से जुड़े गांवों के परिवारों में अपराध, श्रम बल की भागीदारी और पारिवारिक आय के सन्दर्भ में उन गांवों में रहने वालों की तुलना में बेहतर परिणाम पाए गए...
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कोविड-19 की तीसरी लहरः कैसी है झारखंड की तैयारी, क्या है गांवों का हाल
-डाउन टू अर्थ, जर्मनी में रहनेवाली एक महिला के परिजन देवघर में रहते हैं। उनके पिता बीते 6 जनवरी को कोविड पॉजिटिव पाए गए उन्हें हार्ट से संबंधित बीमारी भी थी। स्थानीय डॉक्टर ने कहा कि आप रांची में किसी आइसोलेशऩ सेंटर में चले जाइए, ताकि जरूरत होने पर बेहतर इलाज मिल सके। लेकिन उन्हें इस सुविधा की जानकारी नहीं मिल सकी। हालांकि रांची के डोरंडा में आइसोलेशन सेंटर सेंटर है। इसके...
More »घोर उपेक्षा: भारत की राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना
-आइडियाज फॉर इंडिया, परिवार में कमाने वाले सदस्य की मृत्यु होने की स्थिति में परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना (एनएफबीएस) कम बजट आवंटन, प्रतिबंधित कवरेज और प्रशासनिक बाधाओं से घिरी हुई है। इस लेख में, जैस्मीन नौर हाफिज इस योजना के कार्यान्वयन में आने वाली इन कठिनाइयों और अन्य मुद्दों की जांच करती हैं, और भारत के सामाजिक सुरक्षा ढांचे के इस महत्वपूर्ण घटक को सुधारने...
More »भारत की प्रशासनिक सेवाओं में महिलाएं इतनी कम क्यों?
-इंडियास्पेंड, साल 1951 में पहली बार जब भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में महिलाओं को शामिल करने का फैसला लिया गया तो एक महिला थी, लगभग सात दशक बाद 2020 में महिलाओं की संख्या कुल आईएएस अधिकारियों का सिर्फ 13% है। अशोका यूनिवर्सिटी में त्रिवेदी सेंटर फॉर पॉलिटिकल डेटा (टीसीपीडी) द्वारा संकलित भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी डेटासेट (Indian Administrative Service Officers Dataset) को लेकर किए गए विश्लेषण में इंडियास्पेंड ने पाया कि 1951...
More »मिलेट से होगा बच्चों का बेहतर विकास, कई लाइफस्टाइल बीमारियां रोकने में भी यह सक्षम
-रूरल वॉइस, मिलेट बच्चों और किशोरों के लिए नया स्मार्ट फूड बन सकता है। एक अध्ययन में पता चला है कि बच्चों और किशोरों के नियमित भोजन में चावल की जगह अगर मिलेट का इस्तेमाल किया जाए तो उनका विकास 26 से 39 फ़ीसदी ज्यादा होता है। इस अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि मिलेट (ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो जैसे मोटे अनाज) कुपोषण को दूर करने में भी काफी मददगार हो...
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