दक्षिण अफ्रीका के बीचोबीच, एक देश है लेसोथो. हम में से कई लोगों ने शायद इसका नाम भी न सुना हो. लगभग 30 हजार वर्ग किमी में फैले इस देश की जनसंख्या बमुश्किल 25 लाख है. लेकिन आज इस देश की यहां चर्चा इसलिए हो रही है कि इसने बच्चों की शिक्षा के लिए एक अनूठा तरीका अपनाया है. इस देश में मोबाइल फोन पर बच्चों का होमवर्क कराया जा...
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शिक्षा की अलख जगा रही आदिवासी महिला सरपंच
रघुनंदन सोनी-कोरबा। यूं तो जिले में 185 महिला सरपंच है, पर इनमें सबसे पढ़ी-लिखी महिला सरपंच की बात करें तो सबसे पहले रेणुका राठिया का नाम सामने आता है। राजनीति शास्त्र में एमए करने वाली रेणुका पिछले 10 साल से न केवल घर का चूल्हा चौका करती है बल्कि पंचायत का कामकाज भी निपटाती है। इसके अलावा उसका प्रमुख मिशन ग्रामीणों को शिक्षित करना भी है। इसके लिए वह बच्चों...
More »आठवीं की अंग्रेजी में 53 और हिंदी में 32 फीसदी छात्र फेल - अनिल ठाकुर
शिमला । राज्य सरकार शिक्षा में गुणवत्ता के दावे कर रही है, हकीकत इस से कोसों दूर है। सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे आठवीं कक्षा के छात्रों के अंग्रेजी में बुरे हाल हैं, तो मातृ भाषा हिंदी में भी फिसड्डी है। सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) द्वारा करवाए गए एंड लाइन सर्वे की रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। आठवीं के बच्चे अंग्रेजी में 53 फीसदी फेल (ई ग्रेड)...
More »पासपोर्ट बनाने को घूस नहीं दी, तो महिला इंजीनियर को लिख दिया अपराधी
प्रभात खबर,रक्सौल : पुलिस ने एक महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर को अपनी रिपोर्ट में क्रिमिनल बना दिया. पीड़िता बेंगलुरु स्थित एक जापानी कंपनी फिजत्सु में कार्यरत है. उस पर आज तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है. शहर के पर्यावरणविद प्रो अनिल सिन्हा की पुत्री पल्लवी पुष्पम ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था. पासपोर्ट ऑफिस, पटना ने रक्सौल थाने को जांच के लिए भेजा था. लेकिन, जांच में पुलिस ने...
More »छत्तीसगढ़ में शिक्षा से कोसों दूर बैगा बच्चों के हाथ मछली का जाल
नई दुनिया,कोरबा (निप्र)। संरक्षित बैगा आदिवासी जनजाति वर्ग आज भी शिक्षा से कोसों दूर है। इस वर्ग को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लाख दावे सरकार कर ले, पर हकीकत कुछ और है। बैगा आदिवासी के बच्चे स्कूल का मुंह तक नहीं देखे हैं। कापी पुस्तक की जगह हाथ में जाल थाम लिया है और पूरा दिन मछली पकड़ने में बीत रहा। गांव से 5 किलोमीटर दूर स्कूल होने...
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