जहां 2009 के लोकसभा चुनाव में मनरेगा योजना ने यूपीए-1 की किस्मत बदल डाली, अब यूपीए-2 की नजर एक ऐसा ही महत्वाकांक्षी कानून लाने पर है. कांग्रेस नीत यूपीए सरकार भूमि अधिकार कानून के जरिए 2009 के नतीजों को दोहराने की तैयारी कर रही है. 2014 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूपीए ने महत्वाकांक्षी भूमि सुधार कानून का मसौदा तैयार किया है जिसका मकसद गांवों में रहने वाले भूमिहीन परिवारों को जमीन मुहैया कराना...
More »SEARCH RESULT
महंगाई दर बढ़कर 10.91 फीसद हुई
नई दिल्ली। देश में अर्थव्यवस्था के हालात भले ही सुधरते दिख रहे हैं लेकिन इससे आम आदमी को कोई राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। फरवरी रिटेल महंगाई दर 10.91 फीसदी रही है। जनवरी में रिटेल महंगाई दर 10.79 फीसदी रही थी। महीने-दर-महीने आधार पर फरवरी में ग्रामीण इलाकों में रिटेल महंगाई 10.79 फीसदी से बढ़कर 11 फीसदी से ऊपर पहुंच गई है। वहीं, शहरी इलाकों में रिटेल...
More »औद्योगिक सुस्ती टूटने के संकेत
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अर्थव्यवस्था की सुस्ती टूटने के जिस संकेत की बात वित्त मंत्री पी चिदंबरम कर रहे हैं। उसकी बानगी औद्योगिक विकास दर के ताजा आंकड़ों में देखने को मिले। दो महीने तक लगातार गिरावट के बाद देश के औद्योगिक क्षेत्र में जनवरी, 2013 में 2.4 फीसद की वृद्धि दर दर्ज की गई है। वैसे, जानकार इसे बहुत उत्साहजनक नहीं मान रहे, क्योंकि बीते साल जनवरी में इस...
More »ढांचागत सुधारों के बगैर ग्रोथ खतरनाक : मूडीज
मूडीज की दलील - नीति निर्माताओं को इस भुलावे में नहीं रहना चाहिए कि महंगाई को भड़काए बगैर भी कोई इकोनॉमी 10% की दर से विकास कर सकती है यह बयान क्यों - कुछ सरकारी नीति निर्माता खासकर आरबीआई गवर्नर डी. सुब्बाराव डबल-डिजिट ग्रोथ की वापसी पर विशेष जोर दे रहे हैं पहले क्या हुआ...
More »क्या विरोध का ढंग बदल सकता है- गिरिराज किशोर
जनसत्ता 5 मार्च, 2013: इक्कीस-बाईस फरवरी का भारत-बंद लगभग सफल हुआ। उसके लिए श्रमिक संगठनों को बधाई। लेकिन इस महाबंद ने मन में कई सवाल उठा दिए। बंद होते रहते हैं। दो मुख्य तर्क इनके पीछे हैं। एक, मजदूरों या कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा, और दूसरा, अपने अधिकारों की शांतिपूर्ण और सामूहिक अभिव्यक्ति। दोनों बातें अपनी जगह सही हैं। मजदूर के अधिकार का संरक्षण होना जरूरी है। लेकिन असंगठित मजदूर...
More »