नईदुनिया ब्यूरो, जयपुर। राजस्थान में सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन और टीचरों की नियुक्ति के बारे में एक अजीब बात सामने आई है। प्रदेश के 142 प्राथमिक विद्यालय ऐसे है जहां एक भी बच्चा नहीं है, लेकिन 251 टीचर इन स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा 28 हजार प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की संख्या 30 से भी कम है। राज्य के सरकारी स्कूलों की...
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खुले में शौच पर रोक: स्कूली छात्रों को संवेदनशील बनाएगी सरकार
अगर आपके स्कूल जाने वाले बच्चे आपको शौचालयों के प्रयोग के बारे में कुछ सलाह मशविरा देना शुरू कर दें तो हैरान मत होइएगा क्योंकि अब बच्चों को खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद साबुन से हाथ धोने के बारे में जागरुक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार खुले में शौच करने की दयनीय स्थिति को समाप्त करने के लिए जल्द ही एक अभियान...
More »बिहारः बच्चों की आबादी से अधिक नामांकन
भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (सीएजी) की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में बिहार में सर्व शिक्षा अभियान से संबंधित कई गड़बड़ियाँ सामने आई हैं. ये रिपोर्ट साल 2012-13 की है. कुछ प्रमुख गड़बड़ियाँ- 1. आबादी से अधिक नामांकन सीतामढ़ी, खगड़िया, किशनगंज और गया ज़िले में स्कूल जाने वाले बच्चों की आबादी से अधिक बच्चों का नामांकन स्कूलों में पाया गया. इन चार ज़िलों में स्कूल जाने योग्य बच्चों की कुल संख्या 22,18,089 है लेकिन इन...
More »बिहार: 'सड़ी हुई प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था'- अमरनाथ तिवारी(बीबीसी)
शिक्षा और शिक्षकों को लेकर बिहार आजकल चर्चा में है जहां फ़र्ज़ी प्रमाणपत्रों का सहारा लेकर शिक्षक बनने के कई मामले सामने आ रहे हैं. राज्य में जब प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की बड़े पैमाने पर भर्ती शुरू हुई तब कई लोगों को लगा कि इससे राज्य में शिक्षा का स्तर बेहतर होगा. लेकिन क्या वाक़ई ऐसा हुआ? पढ़ें पटना से अमरनाथ तिवारी की पूरी रिपोर्ट बिहार में साल 2003 में अनुबंधित शिक्षकों...
More »सीएजी ने पकड़ी 10 हजार करोड़ रुपए की गड़बड़ी
पटना. वित्तीय कुप्रबंधन के कारण राज्य सरकार को दस हजार करोड़ रुपए की चपत लगी है। मंगलवार को पेश अपनी रिपोर्ट में कैग (नियंत्रक-महालेखापरीक्षक) ने कई विभागों की गड़बड़ियां उजागर की है। कैग ने सर्वशिक्षा अभियान, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में भारी गड़बड़ी पकड़ी है। कई विभागों में वित्तीय कुप्रबंधन समाने आया है तो कई विभागों में नियम-कानून में हेरफेर कर सरकार को चूना लगाया...
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