केन्द्र सरकार ने किसानों के लिये फसल बीमा की नई स्कीम घोषित की है। अनुमान है कि धरती का तापमान बढ़ने के कारण सुनामी, बाढ़, तूफान तथा सूखे जैसे मौसम में उपद्रव बढ़ेंगे। तदनुसार किसानों की समस्यायें बढ़ेंगी। फसल चौपट होने से इन्हें आत्महत्या करने अथवा खेती से पलायन करने को मजबूर होना पड़ेगा। अतः सरकार द्वारा घोषित बीमा योजना सही दिशा में है। हालांकि, कागजी उलझनों के कारण इसके...
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शराबबंदी- क्या केरल-बिहार को मिलेगी सफलता? -
देशी-विदेशी पर्यटकों के बीच अपनी कुदरती खूबसूरती के लिए मशहूर केरल पूर्ण शराबबंदी की राह पर चल पड़ा है। अगस्त 2014 में केरल सरकार ने पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर दी थी, जिसे बार और होटल मालिकों ने चुनौती दी थी। लेकिन पिछले साल के आखिरी दिनों में सुप्रीम कोर्ट ने शराबबंदी पर केरल सरकार के फैसले को बहाल रखा और अब वहां सिर्फ पांच सितारा होटलों में ही शराब...
More »विकास के किफायती मॉडल की ओर - जयंत सिन्हा
सुस्त वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत प्रगति की मशाल थामने और दुनिया के विकास में मुख्य भागीदार बनने को तैयार है। अगले दशक में सकल आर्थिक विकास की दृष्टि से भारत लगभग चीन जितनी और अमेरिका से लगभग दोगुनी भागीदारी करने वाला है। भारतीयों के लिए भारत में तैयार उत्पाद और सेवाओं का उपयोग पूरी विकासशील दुनिया में किया जाने वाला है। इसलिए भारत का किफायती विकास मॉडल न सिर्फ मात्रात्मक...
More »पशुओं को बीमार और बांझ बना रही है हरे चारे की कमी-- उपेन्द्र पांडेय
हरियाणा पंजाब के पशुओं की कमजोरी और उनके विकास में एक बड़ी बाधा लौह तत्व की कमी के रूप में उभर कर आई है। लौह तत्व की कमी मतलब खून की कमी या चिकित्सको की भाषा में एनीमिया। दुधारू पशुओं में बार बार प्रयास के बावजूद गर्भाधान न हो पाने से लेकर उनके विकास, ताकत और रोगों से लड़ने की क्षमता आदि कमी है। इसके लिए पशुओं के खानपान में...
More »राेजगार मिले तो पलायन रुके-- विवेक त्रिपाठी
प्रत्येक व्यक्ति को अपना मकान सुखद अनुभूति देने वाला होता है। धनी वर्ग के सामने अपना मकान बनाना किसी समस्या की भांति नहीं होता क्योंकि उसके पास धन की कमी नहीं होती। मध्य वर्ग अपनी जीवन भर की कमाई से आशियाना बनाने का प्रयास करता है, लेकिन निम्न वर्ग के लिए यह सपना ही रहता है। आज तक इस सपने में सिर्फ राजनीति ही होती रही है। इसके लिए किसी...
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