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सीएमएस एन्वायर्नमेन्टल जर्नलिज्म अवार्ड के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित

प्रिन्ट, ब्राडकॉस्ट तथा ऑनलाइन मीडिया से जुड़े पत्रकार बंधुओं से सीएमएस वातावरण यंग एन्वायर्नमेन्टल जर्नलिज्म अवार्ड के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित हैं। प्रविष्टियों को भेजने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2015 है।   सीएमएस वातावरण यंग एन्वायर्नमेन्टल जर्नलिज्म अवार्ड का लक्ष्य देश के 21-35 आयु वर्ग के युवा पत्रकारों द्वारा पर्यावरण से संबंधित पत्रकारिता के क्षेत्र में किए जा रहे उत्कृष्ट योगदान को रेखांकित और पुरस्कृत करना है।     इस अवार्ड के माध्यम से प्रिन्ट,...

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दाल की कीमतों पर अंकुश लगाएगी सरकार

नई दिल्ली। दालों की कीमत में एक वर्ष में 64 फीसद की बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार इनकी आपूर्ति बढ़ाने के उपाय करेगी। इस तरह वह दालों की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाएगी। औसत से कम मानसून की भविष्यवाणी के बीच महंगाई को कम रखने के लिए सरकार तमाम संभावनाओं पर विचार कर रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यहां कहा, 'इन दिनों दालों को लेकर कुछ समस्या है क्योंकि...

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राहत राशि नहीं देने वाले बैंकों पर होगी कार्रवाई

कोल्हापुर। महाराष्ट्र में सरकार द्वारा किसानों के लिए जारी की गई राहत राशि का वितरण नहीं करने वाले बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। रविवार को सूबे के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने यह चेतावनी दी। उन्होंने यहां पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में कहा, 'मुझे हाल ही में पता चला है कि कुछ को-ऑपरेटिव और निजी बैंकों ने राज्य सरकार द्वारा किसानों को दी गई राहत राशि रोक रखी है। उदाहरण...

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गुजरात मॉडल का राष्ट्रीय हो जाना- रामचंद्र गुहा

पिछले आम चुनाव के प्रचार में नरेंद्र मोदी ने बार-बार ‘गुजरात मॉडल' का जिक्र किया और वादा किया कि भाजपा सत्ता में आई, तो यह मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाएगा। पार्टी चुनाव जीत गई और मोदी ने अपना वादा निभाया। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने प्रशासनिक चुस्ती और व्यापार करने की आसानी बढ़ाने के लिए कई काम किए। जब वह प्रधानमंत्री बन गए, तब भी उन्होंने...

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मौत आती है पर नहीं आती - अनुराग चतुर्वेदी

'मरते हैं आरजू में मरने की/मौत आती है पर नहीं आती।" 7 मार्च 2011 को अरुणा रामचंद्र शानबाग बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य के मुकदमे का फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ने मिर्जा गालिब के इस शे"र को याद किया था। सोमवार को जब अरुणा ने आखिरी सांस ली, तब काटजू ने एक बार फिर यह शे"र दोहराया। इस दर्दनाक कहानी की शुरुआत 26 नवंबर 1973 को होती...

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