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भगवान के घर में भेदभाव क्यों? - अद्वैता काला

शनि शिंगणापुर मंदिर या हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश का मुद्दा इन दिनों गरमा-गरम बहस का विषय बना हुआ है। इन दोनों मामलों के संदर्भ में पूजा या धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश के अधिकार को तार्किक आयाम देना बहुत ही आसान है। इस बहस का अंत जाने-अनजाने देश में पहचान की राजनीति पर ही खत्म होगा, जो कि हमारे सार्वजनिक विमर्श के केंद्र में है। धु्रवीकरण...

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कितने स्मार्ट हो पायेंगे हमारे शहर-- नारायण कृष्णमूर्ति

टेक्नोलॉजी, खासकर इंटरनेट ने हमारे कामकाज का रवैया बदल दिया है। अब घर बैठे स्मार्ट ग्रिड के जरिये निर्बाध इंटरनेट, गैस, बिजली और पानी प्राप्त करने की कल्पना सपना नहीं है। इस लिहाज से स्मार्ट सिटी का स्वागत करना चाहिए, जहां हर कोई एक-दूसरे से जुड़ा रहेगा और तमाम नागरिक सुविधाएं हासिल कर पाएगा। सोच यह है कि इन स्मार्ट नगरों को ऐसे बनाया जाए कि वे शिक्षा, रोजगार और...

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पंचवर्षीय योजनाओं का आम बजट में हो सकता है पटाक्षेप

नई दिल्ली। योजना आयोग खत्म होने के बाद नेहरू युग का एक और प्रतीक इतिहास बनने जा रहा है। सरकार पंचवर्षीय योजनाएं बनाने की परंपरा छोड़कर विकास का "राष्ट्रीय एजेंडा" तैयार करने की नई शुरूआत कर सकती है। माना जा रहा है कि आगामी आम बजट में 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए अंतिम बार आवंटन के साथ ही केंद्रीयकृत पंचवर्षीय योजनाओं की मौजूदा व्यवस्था का पटाक्षेप हो सकता है। सूत्रों ने...

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बच्चों की सेहत और पश्चिम बंगाल में पोरिबोर्तन की हकीकत!

‘पोरिबोर्तन' के नारे से बनी ममता बनर्जी की सरकार में चाहे और कुछ बदला हो लेकिन बच्चों की सेहत की दशा पश्चिम बंगाल में बहुत कम बदली है ! हाल ही में जारी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में पाँच साल से कम उम्र के लगभग बीस फीसद बच्चे ‘वेस्टिंग' के और ऐसे एक तिहाई बच्चे ‘अंटरवेट' तथा ‘स्टंटेड' श्रेणी के हैं. ( देखें नीचे दी...

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'आत्महत्या के विरुद्ध' 2016-- रविभूषण

आत्महत्या का संबंध असहिष्णुता, भय, आतंक और असुरक्षा आदि से उत्पन्न उस अकेलेपन से है, जिसका एक सामाजिक संदर्भ है. आत्महत्या अपने व्यापक अर्थ में हत्या है. आत्महत्या को मनोविज्ञान से जोड़ कर अधिक देखा जाता रहा है, जबकि इसका एक समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य है. रघुवीर सहाय ने अपनी सुप्रसिद्ध कविता 'आत्महत्या के विरुद्ध' (मई 1967 की 'कल्पना' में प्रकाशित) में 'जनता की छाती' पर चढ़े 'मंत्री मुसद्दीलाल' का एक चित्र...

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