नई दिल्ली: प्रमुख वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के जाने से भारत की वित्तीय साख पर किसी तरह की आंच आने की आशंकाओं को खारिज किया है। एजेंसी ने कहा है कि ‘व्यक्तियों से ज्यादा महत्व नीतियों का होता है।' राजन ने कहा है कि वह भारतीय रिजर्व बैंक के प्रमुख के पद पर अपने तीन साल के वर्तमान कार्यकाल का विस्तार नहीं चाहते...
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विसंगति से संकट विश्वास का- अनिल रघुराज
जब इनसान नर्वस होता है, तो उसकी घिग्घी बंध जाती है. लेकिन सरकार जब नर्वस होती है, तो कुछ ज्यादा ही वाचाल हो जाती है. मोदी सरकार का फिलहाल यही हाल है. कार्यकाल के तीन साल बाकी हैं. लेकिन दो साल पूरा करने पर ऐसा डंका बजाया जा रहा है, मानो यज्ञ की पूर्णाहुति होनेवाली हो. हर सरकारी वेबसाइट खोलते ही विज्ञापन आ जाता है- मेरा देश बदल रहा है,...
More »क्यों जीएसटी है सबसे बड़ा आर्थिक सुधार
नई दिल्ली। अरविंद सुब्रमणियन समिति की रिपोर्ट और जदयू व बसपा जैसे विपक्षी दलों के समर्थन में आने के बाद अब जीएसटी की राह आसान होने के कयास लगाए जा रहे हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली से लेकर तमाम अर्थविद इसे आजादी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक सुधार मान रहे हैं। आखिर जीएसटी का लागू होना सबसे बड़ा आर्थिक सुधारवादी कदम कैसे होगा। जानकारों की मानें तो जीएसटी का सबसे बड़ा...
More »भारत में निजी-सार्वजनिक निवेश दस साल के निचले स्तर पर
वॉशिंगटन। भारत में 2015 के दौरान निजी-सार्वजनिक भागीदारी वाले क्षेत्रों में निवेश 10 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। ग्लोबल निवेश भी और सिकुड़कर पांच साल के औसत स्तर 124.1 अरब डॉलर से कम रह गया। विश्व बैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यह बात कही है। इस रिपोर्ट के अनुसार, 2015 में ग्लोबल निवेश घटकर 111.6 अरब डॉलर रह गया। वर्ष 2010 से 2014 तक इसका औसत 124.1 अरब...
More »पेमेंट्स बैंक से पीछे हटती हस्तियां-- बिभाष
मुद्रा नीति की घोषणा के बाद पत्रकारों के प्रश्नों के जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि सिर्फ गंभीर हस्तियों/फर्मों को पेमेंट्स बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन करना चाहिए. उनका यह बयान इस परिप्रेक्ष्य में था कि हाल ही में तीन हस्तियों ने, जिन्हें पेमेंट्स बैंक चालू करने का लाइसेंस मिला था, इस प्रकार के बैंक खोलने के अपने इरादे से पीछे हट गये. वर्ष...
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