नई दिल्ली। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना [नरेगा] की वजह से गांवों से श्रमिकों के पलायन में कमी आने का दावा करते हुए सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में इस योजना के तहत रोजगार प्राप्त करने वाले आदिवासियों के प्रतिशत में आई गिरावट इस योजना का दायरा बढ़ने की वजह से नजर आ रही है। ग्रामीण विकास मंत्री सी. पी. जोशी ने माकपा की वृंदा करात के पूरक प्रश्न के उत्तर में...
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बिहार: खेतों में पंजाबी मेहनतकश!
करगहर [रोहतास, सुरेंद्र तिवारी]। अभी तक सूबे के लोग ही पंजाब जाकर खेतों में मेहनत करते थे लेकिन समय के साथ बदली फिजा का असर है कि आज पंजाबी मेहनतकश बिहार के खेतों में पसीना बहाते नजर आ रहे हैं। इन लोगों से सीख लेकर यहां के लोग भी सूबे की उपजाऊ मिट्टी में सुखद भविष्य की कल्पना कर सकते हैं। किसानी की बदौलत कुछ हद तक मजदूरों के पलायन की रफ्तार में...
More »सीमांत क्षेत्रों में आदर्श ग्रामों की होगी स्थापना
देहरादून। पेयजल एवं नियोजन मंत्री प्रकाश पंत ने सूबे के सीमांत क्षेत्रों में आदर्श ग्रामों की स्थापना के निर्देश दिए। सचिवालय में सोमवार को काबीना मंत्री श्री पंत सीमांत जिलों के जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि दुर्गम व सीमांत क्षेत्रों से पलायन रोकना सरकार की प्राथमिकता है। ऐसे क्षेत्रों में सभी मूलभूत अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। सीमांत विकासखंडों में जोशीमठ के गरपण व द्रोणागिरि गांव,...
More »तोता-मैना को निगल रही ग्लोबल वार्मिग
मुजफ्फरपुर [सुजीत कुमार]। लोक कहानियों के महत्वपूर्ण पक्षी पात्र तोता और मैना अब कविता-कहानियों में ही मिलेंगे। ग्लोबल वार्मिग जिन पक्षियों की प्रजाति को निगल रही है, उनमें तोता पहले नंबर पर है। कौवा दूसरे नंबर और घरों में फुदकने वाली मैना तीसरे नंबर पर है। ग्रीन गैस हाउस के बढ़ते प्रभावों ने तोता-मैना जैसे पक्षियों के अस्तित्व पर खतरा पैदा कर दिया है। खेत-खलिहानों और पेड़-पौधों पर फुदकने वाले ये पक्षी बहुत तेजी से...
More »आदिवासी अधिकारों का व्यापक उल्लंघन हो रहा है- जनसुनवाई का फैसला
“कहा जाता है कि हम लोग दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं क्योंकि देश में बड़े पैमाने पर चुनाव होता है। लेकिन लोकतंत्र का मतलब चुनाव नहीं होता, लोकतंत्र का मतलब होता है देश के फैसलों में जनता की भागीदारी और इस कसौटी पर देखें तो अपने देश में लोकतंत्र नहीं है-‘’सीधे ,सपाट और किसी आंदोलनकारी के मुंह से निकलने का आभास देते शब्द। लेकिन ये शब्द जस्टिस सुप्रीम कोर्ट के जज पी वी (रिटायर्ड)...
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