इलाज अब धंधा बन गया है. और इस धंधे को चलाने का सबसे बेहतर जरिया नर्सिग होम. लिहाजा, धड़ाधड़ खुल रहे नर्सिग होम का मकसद बेहतर मेडिकल सुविधा देना नहीं, बल्कि धन अजिर्त करना रह गया है. पैसा बनाने की भूख ने इस पेशे को विकृति की हद तक पहुंचा दिया है. सांसत में पड़ी मरीज की जान की कीमत ऐसे नर्सिग होम में खूब वसूल की जाती है. बाजार...
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सर्वे : पटना में हर सौ में एक भिखारी ग्रेजुएट
समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित नव जागृति केंद्र के सेवा कुटीर में फिलहाल 19 भीख मांगने वालों को पनाह दी गयी हैं. इनमें से अधिकतर या तो सरकारी व्यवस्था की बेरहमी की मार से बेहाल हैं या हादसों के शिकार. खुशी की बात है कि आखिरकार सरकार ने ही उनकी सुध ली और उन्हें जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने में लगी है. पटना : श्रीकांत मिश्र हाइस्कूल के प्रधानाध्यापक थे. रोज सैकड़ों...
More »आइसीयू यानी ‘इनकम कमिंग यूनिट’
पटना : आइसीयू यानी ‘इंटेंसिव केयर यूनिट’, लेकिन आज की परिस्थिति में इसका मतलब बदल गया है. अब इसे कुछ लोग ‘इनकम कमिंग यूनिट’ भी कहते हैं. हो भी क्यों ना निजी अस्पताल संचालक आइसीयू के नाम पर लोगों से अनाप-शनाप पैसे जो वसूल रहे हैं. हालत यह है कि गैस, तेज बुखार जैसी मामूली बीमारी में भी पैसा बनाने के चक्कर में अस्पताल संचालक मरीज को आइसीयू में डाल देते...
More »बच्चेदानी ऑपरेशन में फंसेंगे कई बड़े लोग- अजय कुमार
- सुपरविजन रिपोर्ट में बड़ा खुलासा - पांच वर्षो में बीमा कंपनियों ने 442 करोड़ किये खर्च - खुले आसमान के नीचे भी कर दिये ऑपरेशन - 159 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने दिये प्रीमियम - दोषी नर्सिग होम पर दर्ज होंगे आपराधिक केस बीपीएल परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया करानेवाली राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में पिछले साल घोटाला उजागर हुआ था. न केवल कागजों पर ऑपरेशन कर पैसे हजम कर लिये गये,...
More »कुप्रबंध की संस्कृति- हरिवंश
देश, वाचाल वृत्ति, बौद्धिक विलासिता, पर-उपदेश वगैरह की ‘लचर जीवन संस्कृति’ से नहीं चलता. आज के भारत में सरकार, राजनीति से लेकर समाज स्तर पर यही जीवन संस्कृति है. अमर्त्य सेन जिस ‘आर्ग्यूमेंटेटिव इंडिया’ (बहस में डूबे भारत) की बात करते हैं, उसे जमीन पर देखें-समझें तो बात ज्यादा स्पष्ट और साफ होती है. मूलत: हम बातूनी लोग हैं, बिना कर्म बात-बहस करनेवाले. किसी के बारे में कुछ भी टिप्पणी....
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