नई दिल्ली। दिल्ली में वायु प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि वह रोजाना 80 जिंदगियां लील रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए एक अध्ययन के लेखकों ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में संकेत दिया कि रेस्पिरेबल पर्टिकुलेट मैटर (PM2.5) दिल्ली में समयपूर्व होने वाली 10,000 से 30,000 मौतों के लिए जिम्मेदार हो सकता है। यह अध्ययन इन्वायरोमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इसमें बताया गया है...
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छत्तीसगढ़ में सैप की मदद से अब क्लाइमेट चेंज पर रिसर्च
रायपुर। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के स्पेशल असिस्टेंट प्रोग्राम (सैप) के तहत पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के बायोलाइफ साइंस एवं केमिस्ट्री डिपार्टमेंट को दो करोड़ 53 लाख रुपए की राशि मिली है। केमिस्ट्री डिपार्टमेंट में इस राशि से अब क्लाइमेट चेंज को लेकर बड़े स्तर रिसर्च हो सकेंगे। इसके लिए लैब में हाइटेक उपकरण की खरीदी करनी होगी। राज्य में बारिश और तापमान में लगातार हो रहे परिवर्तन के साथ-साथ प्रदूषण...
More »जी-7 का वादा, 2100 तक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन होगा आधा
एलमाउ कैसल। दुनिया के सात अमीर देशों ने ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कटौती का वादा किया है। जर्मनी के बवेरिया आल्प्स में जी-7 समूह के नेताओं ने सोमवार को वैश्विक स्तर पर इस शताब्दी के अंत तक ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन आधा करने का संकल्प लिया। 2010 के स्तर के मुकाबले इसके स्तर में 40-70 फीसद तक कटौती का लक्ष्य तय किया गया है। पेरिस में इस साल के...
More »प्रचंड गरमी पर उबलती बहस- इला भट्ट
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विश्व, विशेष रूप से भारत, गरीबी के मुद्दे पर एक साथ नहीं आया है, जैसा कि यह जलवायु परिवर्तन पर एक साथ आया है. ये दोनों आपस में जुड़े हुए हैं. इसलिए, मैं भारत सरकार से आग्रह करूंगी कि देश का आइएनडीसी तैयार करते समय इसका ध्यान रखे कि क्या हमारे आइएनडीसी गरीबी को कम करने की दृष्टि से कार्बन उत्सजर्न को कम करने के लिए...
More »150 साल से फैले प्रदूषण का बोझ भारत का गरीब नहीं उठा सकता
संयुक्त राष्ट्र : भारत ने पिछले 150 साल से हवा में कार्बन डाई ऑक्साइड घोलने का भार विकसित देशों से वहन करने को कहा है क्योंकि भारत में गरीब आदमी से साफ-सुथरी धरती के लिए और अधिक बोझ उठाने को नहीं कहा जा सकता. ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, पिछले 150 साल में हवा में कार्बन डाई ऑक्साइड के प्रवाह का भार कौन वहन करेगा, जबकि पश्चिमी दुनिया, विकसित देश...
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