पटना : जब रानी एक साल की थी, तभी उसका भविष्य लिखा जा रहा था. माता-पि ता के साथ आसपास के लोग भी उसके भविष्य को लेकर निशचिंत हो चुके थे. हो भी क्यूं नहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने जो रानी को गोद लिया था. उन्होंने कहा था कि इस बच्ची के पढ़ाई-लिखाइ के साथ-साथ सारा खर्च बिल क्लिंटन फाउंडेशन उठायेगा. अब इस बात को चार साल होने...
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टेक्नोलॉजी से सुलझती समस्याएं- प्रीतीश नंदी
आज के तकनीकी विशेषज्ञों की सबसे अच्छी बात यह है कि वे हमारी कुछ सबसे पुरानी समस्याए सुलझा रहे हैं। ऐसी समस्याएं, जो कोई कभी सुलझाना ही नहीं चाहता था, क्योंकि मुनाफा यथास्थिति में ही था, इसलिए कोई नहीं चाहता था कि ये दूर हों। हर कोई इससे पैसे कमा रहा था। फिर तकनीक के विशेषज्ञ आए और उन्होंने सारा खेल बिगाड़ दिया। आइए कुछ उदाहरण देखते हैं : टैक्सी एप...
More »किसानों की खुदकुशी के सबब- विनोद कुमार
जरा गौर कीजिए कि इसी देश में करीब अठारह-बीस करोड़ भूमिहीन दलित, अति पिछड़े मजूर हैं। उनके जीवन में यह मौका ही नहीं आता कि वे बैंक से कर्ज लें, खेती करें, उनकी फसल नष्ट हो और वे आत्महत्या कर लें। इसका अर्थ यह नहीं कि हम किसानों की आत्महत्या से पीड़ा का अनुभव नहीं करते। लेकिन इस बात को समझना तो होगा कि एक भूमिहीन किसान या मजूर आत्महत्या न...
More »किसानों की आत्महत्या के आंकड़े कैसे कम हुए? पी साईनाथ
महज आंकड़ों की बात करें तो भारत में 1995 से 2014 के बीच किसानों की आत्महत्या का आंकड़ा तीन लाख पार कर चुका है. लेकिन साल 2014 के आंकड़ों को पिछले 19 साल के आंकड़े के साथ मिलाकर नहीं देखा जा सकता, क्योंकि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने किसानों की आत्महत्या की गिनती के तरीक़े में बदलाव किया है. ये नए तरीक़े का असर है कि 2014 में किसानों की आत्महत्या...
More »सफाई कर्मचारियों की भी सुनिए- सुभाषिनी अली सहगल
वर्ष 1958 से 31 जुलाई हमारे देश में 'अखिल भारतीय सफाई मजदूर दिवस' के रूप में मनाया जाता है। समाज के दूसरे हिस्से इन कार्यक्रमों से बहुत दूर और पूरी तरह अनभिज्ञ रहते हैं। 22 जुलाई, 1957 को दिल्ली के सफाई कर्मचारियों ने अपना मांग पत्र दिल्ली की नगरमहापालिका के सामने पेश किया था। उसके साथ एक हफ्ते बाद शुरू होने वाली हड़ताल का नोटिस भी संलग्न था। चूंकि मामला...
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