कृषि के संदर्भ में राष्ट्रीय नमूना सर्वे संगठन (एनएसएसओ) की हालिया रिपोर्ट साफ तौर पर बताती है कि कृषि न केवल संकट के दौर से गुजर रही है, बल्कि उसका तेजी से क्षरण भी हो रहा है। मैं चकित नहीं हूं। आखिरकार 1996 में ही विश्व बैंक ने भारतीय कृषि के पतन की दिशा बता दी थी। तब विश्व बैंक ने अनुमान लगाया था कि अगले बीस वर्षों में भारत...
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बीमा विदेशीकरण की बेचैनी क्यों- अरविन्द मोहन
संसद का सत्र खत्म होते ही कई मामलों में अध्यादेश लाना केंद्र सरकार की बेचैनी को तो बताता ही है, हम सबसे इस बात की मांग भी करता है कि हम जानें कि हमारी सरकार किन सवालों पर इतना बेचैन होकर काम कर रही है। हमने देखा है कि देश भर में धर्म के नाम पर संघ परिवार से जुड़े लोगों और संगठनों ने जिस तरह से हंगामा मचाना शुरूकिया...
More »जंगल से सीखें कुपोषण का इलाज- प्रताप सोमवंशी
ओडिशा देश के पिछड़े राज्यों में से एक है। इस राज्य के आदिवासी इलाके अकाल, भुखमरी, कुपोषण के विशेषण को अपनी पहचान के साथ ढोते रहते हैं। इन्हीं आदिवासी इलाकों का एक दूसरा सच भी जान लीजिए- लिविंग फार्म की ओर से दो जिलों के छह गांवों की एक अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक यहां खाने-पीने की 121 चीजें पाई जाती हैं। इनमें 30 किस्म के मशरूम, जिसे स्थानीय बोली में...
More »क्या रूबल की खराब सेहत पूरी दुनिया का मूड बिगाड़ेगी?
दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाओं की सेहत अच्छी नजर नहीं आ रही है। सबसे ज्यादा नाजुक स्थिति रूस की है, जहां कि मुद्रा रूबल में भारी गिरावट हो रही है। इससे वहां के नागरिकों के साथ ही कई देशों की धड़कने बढ़ गई हैं। संकट जारी रहा तो मंदी का भारी दौर देखना पड़ सकता है। अमेरिका में फेडरल रिजर्व की अध्यक्ष जेनट येलने का कहना है कि रूस में जारी संकट...
More »GDP ग्रोथ रेट 5.5 फीसदी रहने का अनुमान, निवेश की रफ्तार अब भी सुस्त
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने संसद में अर्थव्यवस्था की छमाही समीक्षा जारी करते हुए कहा है कि वित्त वर्ष 2014-15 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की ग्रोथ का अनुमान 5.5 फीसदी रखा है। जारी समीक्षा के मुताबिक, अब भी देश में निवेश की गति तेज नहीं है। ऐसे में जीडीपी की ग्रोथ 5.5 फीसदी रह सकती है। हालांकि, सरकार ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 में...
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