काकोरी [जासं]। गुणों की खान जामुन के शौकीनों के लिए एक अच्छी खबर है। अब वे बगैर गुठली के जामुन का लुत्फ उठा सकेंगे। बिल्कुल काले अंगूर की तरह की जामुन। गुठली रहित होने के कारण जूस तैयार करने में भी आसानी होगी। इस प्रजाति की जामुन कृषि वैज्ञानिक लगभग विकसित कर चुके हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर पैदावार में अभी दो साल लग सकते हैं। केंद्रीय उपोषण एवं बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा [लखनऊ] के...
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सब ताज उछाले जाएंगे, सब तख्त गिराये जाएंगे- अरुंधति रॉय
दंतेवाड़ा को समझाने के कई तरीके हो सकते हैं। यह एक विरोधाभास है। भारत के हृदय में बसा हुआ राज्यों की सीमा पर एक शहर। यही युद्ध का केंद्र है। आज यह सिर के बल खड़ा है। भीतर से यह पूरी तरह उघड़ा पड़ा है। दंतेवाड़ा में पुलिस सादे कपड़े पहनती है और बागी पहनते हैं वर्दी। जेल अधीक्षक जेल में है, और कैदी आजाद (दो साल पहले शहर की पुरानी जेल से करीब 300...
More »नीलगायों से फसल की बर्बादी पर केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस
पटना पूर्वी चंपारण के वन पदाधिकारियों की माने तो वहां नीलगाय प्रतिवर्ष 626 करोड़ की फसल को बर्बाद कर रहे हैं। नीलगायों के प्रकोप से डेढ़ सौ लाख हेक्टेयर फसल चौपट हो रही है मगर राज्य सरकार का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। एक लोकहित याचिका में उठाये गये इस गंभीर समस्या को देखते हुए पटना उच्च न्यायालय ने बुधवार को केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। दोनों को दो महीने...
More »क्या यह बैंगन जहरीला है?
नई दिल्ली/भोपाल. एक सप्ताह के अंदर ही केंद्र सरकार को फैसला लेना है कि बीटी बैंगन जैसी जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) फसलों (जिनकी जीन संरचना में बदलाव किया गया है) की देश में खेती की अनुमति देनी है या नहीं। इस फैसले से जहां एक ओर उपज में बढ़ोतरी से किसानों को फायदा होने की उम्मीद है, वहीं जीएम खाद्य पदार्थो से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने की आशंका भी जताई जा रही है। क्या तेजी से...
More »वरदान या अभिशाप- बहस बीटी बैंगन की
ट्वीटर जैसे सोशल नेटवर्क पर अब बहस बैंगन पर आ टिकी हैं और ग्रीन पीस इंडिया जैसे संगठन ने आनुवांशिक रुप से परिवर्धित फसलों के खिलाफ जनमत बनाने के लिए सचमुच दुनिया का सबसे नायाब बैंगन का भर्ता बनाने की ठान ली है।बीटी बैंगन के खिलाफ बहस की आंच तेज हो रही है और बैंगन का सवाल अचानक आनुवांशिक रुप से परिशोधित फसलों की जमीन तैयार करने या फिर उनकी...
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