रायपुर. प्रदेश में शिक्षा के अधिकार नियम का पालन प्राइवेट स्कूलों द्वारा न करने का मामला गूंजा। कांग्रेस विधायकों ने मांग की कि ऐसे निजी स्कूलों को बंद करा दिया जाए जो कानून का पालन नहीं करते। उन्होंने कहा कि राजकुमार कालेज में एक बच्चे मोहम्मद अनस को एडमिशन के लिए डीईओ ने छह बार लिखा, बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने निर्देश दिया।...
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संविधान ने दी गांव के आम लोगों को बड़ी ताकत
देश में हाल के दिनों में गणतंत्र दिवस को लेकर लोगों के मन में एक अलग तरह का दुराव पैदा हो गया है. लोगों को लगता है कि गणतंत्र दिवस मनाना बेकार बात है, झंडा फहराने और परेड करने से क्या फर्क पड़ता है. मगर पिछले दिनों एक दलित महिला विचारक ने कहा कि देश के सभी वंचितों को गणतंत्र दिवस जरूर मनाना चाहिये, क्योंकि इस देश के लोगों को आजादी...
More »जनहित याचिका के ऐतिहासिक नतीजे
हम अपने संविधान की चाहे जितनी आलोचना कर लें और इसे जितना बेकार कह लें, सच यह है कि अब तक इसने ही देश के नागरिकों को सम्मान से जीने का अधिकार दिया है और उस अधिकार के अतिक्रमण को दूर करने का रास्ता भी इसी ने दिया. इसका एक बड़ा उदाहरण है जनहित याचिका. यह जनता के संवैधानिक अधिकारों के इस्तेमाल और अदालत के कानूनी अधिकार से ही संभव हुआ...
More »चिकित्सा पर्यटन का नया केंद्र- मुकुल श्रीवास्तव
अपने देश में चिकित्सा पर्यटन यानी सस्ती एवं बेहतर चिकित्सीय सुविधाओं एवं सेवाओं के लिए देश के ही भीतर अथवा दूसरे देशों में की जाने वाली यात्रा, पिछले कुछ वर्षों में एक प्रमुख पर्यटन उत्पाद के रूप में उभरी है। इसकी वजह यहां की भौगोलिक विविधता और समृद्ध ऐतिहासिक विरासत और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं हैं, जिस कारण यहां आने वाला मरीज इलाज कराने के साथ-साथ आस-पास के इलाकों में घूमकर स्वास्थ्य लाभ भी...
More »संविधान में गांव की परिभाषा भी नहीं- आर के नीरद
भारत के संविधान में गांव की कोई परिभाषा नहीं है. जब गांव ही नहीं है, तो ग्राम गणराज्य भी नहीं है. यह बड़ा विरोधाभास है. महात्मा गांधी गांव गणराज्य की बात करते थे. वे आजादी का असली अर्थ गांवों की समरसता, आत्मनिर्भरता और लोकतंत्र में जन भागीदारी को मानते थे. देश आजाद हुआ और गणतंत्र भारत के लिए अपना संविधान बना, लेकिन इसमें गांव की परिकल्पना शामिल नहीं हो सकी. सब ने...
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