यूपीए के एक दशक के दागदार शासन के बाद हमने शुरुआत की थी, तब से लेकर आज दुनिया की सबसे तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्थाओं में एक गिने जाने तक, यानी एनडीए-दो के ढाई साल के शासनकाल में भारत की तरक्की की कहानी कई परिवर्तनकारी कदमों के सहारे आगे बढ़ी है। इन कदमों ने न सिर्फ देश की छवि दुनिया भर में निखारी, बल्कि देश के नागरिकों के जीवन-स्तर...
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लाखों की नौकरी छोड़ बच्चों का स्कूल खोला
मुजफ्फरपुर : आइआइएम, लखनऊ से पढ़ाई और इंफोसिस व जेडएस जैसी नामी कंपनियों में नौकरी, जिसमें हर माह वेतन के रूप में लाखों का पैकेज, लेकिन ये सब छोड़ मधुबनी की बेटी और मुजफ्फरपुर की बहू गरिमा विशाल ने बच्चों को पढ़ा कर समाज को बदलने का रास्ता चुना. उन्होंने डेजाऊ नाम से बच्चों का स्कूल खोला है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों पर विशेष जोर दिया...
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मुजफ्फरपुर : आइआइएम, लखनऊ से पढ़ाई और इंफोसिस व जेडएस जैसी नामी कंपनियों में नौकरी, जिसमें हर माह वेतन के रूप में लाखों का पैकेज, लेकिन ये सब छोड़ मधुबनी की बेटी और मुजफ्फरपुर की बहू गरिमा विशाल ने बच्चों को पढ़ा कर समाज को बदलने का रास्ता चुना. उन्होंने डेजाऊ नाम से बच्चों का स्कूल खोला है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों पर विशेष जोर दिया...
More »आर्थिक माहौल को लेकर फिक्रमंद - संजय गुप्त
पांच सौ व एक हजार के नोटों का चलन बंद करने की घोषणा के बाद केंद्र सरकार के साथ ही तमाम विशेषज्ञों का अनुमान था कि करीब तीन-चार लाख करोड़ रुपए की राशि काले धन के रूप में होने के कारण बैंकिंग व्यवस्था में लौटकर नहीं आएगी। अब जब पुराने नोट बैंकों में जमा कराने की अवधि बीतने में महज पांच दिन शेष रह गए हैं, तब जितनी राशि के...
More »सरकार के लक्ष्य बदलने की वजह-- पवन के वर्मा
विपक्षी नेताओं में नीतीश कुमार संभवत: पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने नोटबंदी के पीछे की मंशा का समर्थन किया. कोई भी सरकार अगर कालाधन और भ्रष्टाचार को कम करने के लिए कोई कदम उठाती है, तो उसे इसके लिए कम-से-कम संशय का लाभ तो मिलना ही चाहिए. हालांकि, जदयू की तरफ से बराबर यह बात कही जाती रही कि इतने बड़े कदम के लिए तैयारी नाकाफी रही. यह भी कहा...
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