देश में बिना मान्यता वाले 21,351 स्कूलों पर बंदी की तलवार लटक रही है। शिक्षा के अधिकार (आरटीई) कानून के तहत न्यूनतम मानक पूरे नहीं करने के कारण ये स्कूल मान्यता हासिल करने में विफल रहे हैं। आरटीई कानून के तहत सरकार से मान्यता के बिना स्कूलों का संचालन नहीं हो सकता। इन स्कूलों में करीब 26 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। इस बारे में केंद्र ने राज्यों को भेजे रिमांइडर...
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लचर शिक्षा, अयोग्य बच्चे! कौन है इसका जिम्मेदार?-- रुचिर गर्ग
राज्य के मुख्य सचिव विवेक ढांड ने एक कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा के हाल पर अपनी व्यथा खुल कर जाहिर की। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी स्कूली शिक्षा की इस बिगड़ी तस्वीर से नाखुश हैं, चिंतित हैं। सरकार के उच्च स्तर से आई इस व्यथा और चिंता से एक बात तो दिखती है कि कम से कम शिक्षा एक ऐसा मसला है जिस पर इस राज्य में विपक्ष...
More »छत्तीसगढ़ में शिक्षामंत्री के गृह जिले में गुणवत्ता की कसौटी पर फेल 1 तिहाई स्कूल
जगदलपुर। शिक्षामंत्री के गृह जिले बस्तर में गुणवत्ता की कसौटी पर एक तिहाई सरकारी स्कूल फेल हो गए हैं। ग्राम सभाओं ने बस्तर जिले के 753 स्कूलों को गुणवत्ता की कसौटी पर खरा नहीं पाया है। इनमें से 712 स्कूलों को सी व 41 डी ग्रेड दिया गया है। राजीव गांधी शिक्षा मिशन की रिपोर्ट के अनुसार डी श्रेणी पाने वाले सबसे अधिक ग्यारह स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप के गृह...
More »भारत की कहानी में बिहार कहां है?-- शंकर अय्यर
आज बिहार उम्मीदों और निराशा के दोराहे पर खड़ा है। पिछले कई दशकों से अगर बिहार दुर्दशा झेल रहा है, तो इसकी वजह सिर्फ मंडल, कमंडल और जंगल राज नहीं है। इसकी असल वजह 'राजनीति' है, जिसमें 'राज' कुछ ज्यादा, तो 'नीति' जरूरत से काफी कम रही है। भारत में शासन को लेकर एक बेहद प्रचलित उक्ति है कि यहां वह सब कुछ जो गलत हो सकता है, वह लगातार...
More »सबर आदिवासियों के सब्र की इंतेहा-- ज्यां द्रेज
आदिवासी सबर समुदाय को जब तक कोई नजदीक से न देखे तब तक कभी जान नहीं सकता कि वो कैसे रहते हैं. और वहां तक पहुंचने के लिए भी ऐसे किसी इंसान से मदद लेनी पड़ेगी, जो उनकी रिहाइश के बारे में जानता है. हम किसी तरह झारखंड के पूर्वी सिंहभूम ज़िले में पोटका ब्लॉक के सुदूर इलाक़े की पतली पगडंडियों को पार करते हुए उनके घरों या कहें बिखरी हुई झोपड़ियों...
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