मुंबई : राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की चालू वित्त वर्ष में अपने दीर्घावधि ऋण या पुनर्वित्त पोर्टफोलियो को 80,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने की योजना है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए विकास वित्त संस्थान दीर्घावधि ऋण बढ़ाना चाहता है. वित्त वर्ष 2017-18 में नाबार्ड ने 65,000 करोड़ रुपये का दीर्घावधि का ऋण दिया था. मार्च, 2018 में समाप्त वित्त वर्ष में नाबार्ड ने 2,951 करोड़ रुपये का...
More »SEARCH RESULT
भुखमरी के साए में-- रमेश सर्राफ धमोरा
मानव जाति की मूल आवश्यकताओं की बात करें तो रोटी, कपड़ा और मकान का ही नाम आता है। इनमें रोटी सर्वोपरि है। रोटी यानी भोजन की अनिवार्यता के बीच आज विश्व के लिए शर्मनाक तस्वीर यह है कि वैश्विक आबादी का बड़ा हिस्सा अब भी भुखमरी का शिकार है। भुखमरी की इस समस्या को भारत के संदर्भ में देखें तो संयुक्त राष्ट्र द्वारा भुखमरी पर जारी रिपोर्ट के अनुसार दुनिया...
More »नए दौर में हो नई रोजगार नीति - डॉ भरत झुनझुनवाला
श्रम संसार पहले ही रोबोट से त्रस्त था। रोबोट द्वारा अधिकाधिक कार्य जैसे असेंबली लाइन पर कारों का निर्माण किया ही जा रहा था। अब कंप्यूटर द्वारा बौद्धिक कार्यों को भी किया जाने लगा है। इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई कहते हैं। जैसे यदि आपको कोर्ट में कोई मामला दायर करना हो तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम से आप जान सकते हैं कि उसी संबंध में कौन से पूर्व निर्णय दिए...
More »महिला सशक्तीकरण की बाधित राह-- ज्योति सिडाना
दहला देने वाली इन कुछ घटनाओं पर नजर डालें। चार मार्च, 2018 को बिहार के भोजपुर में दुकान पर सामान लेने गई चार साल की बच्ची के साथ एक युवक ने दुष्कर्म कर उसे मारने की धमकी दी। सात मार्च को कोलकाता में कूड़ा बीनने वाली महिला की तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म किया। एक और घटना में सात और दस साल की दो बहनें ट्यूशन से लौट कर...
More »जारी है बैंकों में फर्जीवाड़ा-- संदीप बामजई
ट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज ने पिछले दिनों एक रिपोर्ट दी कि देश में हर रोज बैंक फ्रॉड हो रहे हैं और देश की 20 प्रतिशत संपत्ति पर भारी संकट है. कुछ इसी तरह का आंकड़ा इसके पहले आरबीआई ने भी दिया था. भले ही आम लोगों के लिए यह नयी बात हो, लेकिन मैं जितना बैंकिंग सिस्टम को जानता हूं, यह नयी बात नहीं है और अरसे से बैंकिंग क्षेत्र...
More »