राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के मामलों में दोषी व्यक्तियों को मृत्युदंड तक की सजा देने संबंधी अध्यादेश को आज अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। केंद्रीय कैबिनेट ने कल उस अध्यादेश को अपनी स्वीकृति दी थी जिसके तहत 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार करने के दोषी ठहराये गये व्यक्ति के लिये मृत्युदंड की सजा सुनाए जाने की...
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दीर्घकालिक राजनीति की मांग-- प्रो. योगेन्द्र यादव
एक शे'र है- किसी का नाम न लो, बेनाम अफसाने बहुत से हैं.' प्रधानमंत्री के लंदन उवाच को सुनकर बरबस यह शे'र याद आ गया. प्रधानमंत्री ने अपना मौन तोड़ा और कुछ कहा भी नहीं. न बच्ची का नाम लिया (वह तो शायद ठीक ही था), न कठुआ और उन्नाव का नाम लिया, न ही यह माना कि इन दोनाें जगह उनकी पार्टी की सरकार है, न ही यह स्वीकारा...
More »सुप्रीम कोर्ट जज ने वकील से पूछा- आपके किसी रिश्तेदार का रेप हुआ है?
शुक्रवार (20 अप्रैल) को रेप (आपराधिक मामले) से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जज वकील पर बिफर पड़े और याचिकाकर्ता वकील से पूछ डाला कि क्या आपके किसी रिश्तेदार का रेप हुआ है? याचिका में आरोप लगाया गया था कि पुलिस बलात्कार के ऐसे मामलों में प्राथमिकी दर्ज नहीं कर रही हैं जिनमें मंत्रियों, सांसदों या विधायकों जैसे ताकतवर लोगों की संलिप्तता होती है।...
More »SC को Aadhar की सूचना के दुरुपयोग की चिंता
नई दिल्ली। आधार मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एकत्रित सूचना के दुरुपयोग की आशंका का जिक्र करते हुए कहा कि अगर हर लेनदेन (ट्रांजेक्शन) में बायोमैट्रिक सत्यापन होगा तो बहुत-सी सूचना एकत्रित होगी जिनका दुरुपयोग हो सकता है। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए डाटा प्रोटेक्शन बहुत जरूरी है। यह टिप्पणी आधार की वैधानिकता पर सुनवाई कर रही पांच न्यायाधीशों की पीठ ने बुधवार को की। मामले की...
More »समावेशी विकास के प्रतिमान-- अनंत कुमार
भारत की अलौकिक सुंदरता इसकी संस्कृतियों, परंपराओं, लोगों, प्राकृतिक दृश्यों, भाषाओं आदि की विविधता में निहित है. इसका विशाल विस्तार भी ऐसी चुनौतियां प्रस्तुत करता है, जो केवल इस देश के लिए विशिष्ट हैं. अत: इन विविध चुनौतियों से निपटने के लिए ऐसे उपायों की जरूरत है, जो प्रत्येक स्थिति के लिए उपयुक्त हों. भारत के राष्ट्रीय विकास एजेंडा में अन्य के साथ-साथ गरीबी, सतत विकास, स्वास्थ्य, पोषण, लैंगिक...
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