पटना समेकित कृषि विकास योजना की राशि से सरकार कृषि फार्म को हरा चारा उत्पादन केन्द्र के रूप में विकसित करेगी। इसके लिए प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित होगी। इससे पौष्टिक व सस्ती दर पर हरा चारा उपलब्ध हो सकेगा। कृषि पैदावार बढ़ाने के लिए राज्य को जलवायु के आधार पर चार क्षेत्रों में विभाजित कर समेकित कृषि प्रणाली का माडल तैयार किया गया है। चारा केन्द्र पर डेढ़...
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दाल से टूटता रोटी का नाता
नई दिल्ली [रमेश दुबे]। दलहनों की पैदावार बढ़ाने के लिए लगभग दो दर्जन योजनाओं की असफलता के बाद केंद्र सरकार ने सीधे किसानों को ज्यादा कीमत देने की रणनीति अपनाई है। इसके तहत दलहनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। जहा अरहर के समर्थन मूल्य में सात सौ रुपये की वृद्धि की गई है, वहीं मूंग में 410 रुपये तथा उड़द में 380 रुपये की...
More »दालों की खेती पर नहीं, आयात पर बढ़ाया खर्च
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। दालों के आयात के लिए 5000 करोड़ रुपये और दलहन खेती के लिए औसतन सालाना केवल 500 करोड़ रुपये। समझा जा सकता है कि दालों की पैदावार क्यों नहीं बढ़ रही है। पिछले चार सालों में सरकार ने जितना धन दलहन की खेती के प्रोत्साहन के लिए दिया है, उससे दोगुना हर साल दालों के आयात पर खर्च होता है। जब खेती बेहतर करने में...
More »जैविक कृषि पद्धति अपनाने का आह्वान
शिमला : किसानों को अब परंपरागत खेती की ओर मुड़ना ही होगा। यदि समय रहते किसानों ने पुरानी कृषि पद्धति को नहीं अपनाया तो भविष्य में इसके भयावह परिणाम भुगतने होंगे। कृषि पद्धति ही नहीं किसानों को खेती में विविधता भी लानी होगी क्योंकि अधिक रसायन के प्रयोग के कारण हिमाचल की मिट्टी से पोषक तत्व खत्म होते जा रहे हैं। विकसित देश अब भारत में की जाने वाली परपंरागत कृषि...
More »इस गांव में थम जाए पांव
झंझारपुर [मधुबनी, सुनील कुमार मिश्र]। अब अनुमंडल के लखनौर प्रखंड स्थित गांव हरभंगा में किसी का भी पांव थम जाएगा। कारण, जैविक ग्राम का सपना यहां साकार होने की ओर है। जैविक खेती से गांव की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल रही है। यहां के सब्जी उत्पादक किसान सिर्फ जैविक खाद का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। 2011 तक पूरी तरह जैविक ग्राम बन जाने की उम्मीद पाले इस...
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