भारत में आर्थिक सुधारों को लागू किये जाने के 22 वर्ष बाद भी इस पर मंथन का दौर जारी है. पिछले दो दशकों के अनुभव हमें बता रहे हैं कि आर्थिक उदारीकरण के पैरोकारों ने जिस स्वर्णिम भविष्य का हमसे वादा किया था, वह सच्चाई से दूर, छल से भरा हुआ और भ्रामक था. इन वर्षों में आर्थिक उदारीकरण विकास के चमचमाते आंकड़ों पर सवार होकर हम तक जरूर आया,...
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खाद्य सुरक्षा की शर्तें- रविशंकर
जनसत्ता 12 अप्रैल, 2013: हालांकि यूपीए सरकार की मंशा थी कि बजट सत्र में ही खाद्य सुरक्षा विधेयक को संसद से पास करा लिया जाए, पर ऐसा नहीं हो पाया। संसद की कार्यवाही बार-बार स्थगित होने से संशोधित विधेयक अब तक पेश नहीं हो सका है। अब इस विधेयक के बजट सत्र के अंतराल के बाद पेश होने की उम्मीद है। वास्तव में यह विधेयक यूपीए के 2009 के उस...
More »राज्यों का घटेगा केरोसिन कोटा
नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। पेट्रोलियम सब्सिडी में कमी करने की अगली गाज अब राज्यों पर गिरने वाली है। केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान राज्यों को दिए जाने वाले केरोसिन आवंटन में भारी कटौती करने का फैसला किया है। कुछ राज्यों के केरोसिन आवंटन में तो 50 फीसद तक की कमी की जा सकती है। पेट्रोलियम सब्सिडी को घटाने के वित्त मंत्रालय के भारी दबाव को देखते...
More »कैग केजी-डी6 पर आरआईएल के खर्चों के औचित्य की जांच करेगी
नयी दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) द्वारा केजी-डी6 गैस क्षेत्र पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के खर्च के लेखा परीक्षण की जांच शुरू करने की तैयारी के बीच पेट्रोलियम मंत्रालय ने जांच संबंधी नियम तय किए है और कहा कि लेखा परीक्षक उत्पादन भागीदारी करार के तहत तय व्यय के औचित्य की जांच करेगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज :आरआईएल: के साथ केजी-डी6 ब्लाक पर हुए खर्च की जांच के दायरे के संबंध में हुए...
More »विशेष पैकेज की विशेष राजनीति- अरविन्द मोहन
जनसत्ता 19 मार्च, 2013: दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंच कर बिहार के लिए विशेष पैकेज की मांग दोहराने से पहले नीतीश कुमार इस नाम पर पर्याप्त राजनीति कर चुके थे। फिर भी एक भारी भीड़ जुटा कर उन्होंने जो भाषण दिया उसकी गूंज राजधानी के राजनीतिक और मीडिया के हलकों में देर तक सुनी जाती रही तो इसकी साफ वजह सिर्फ उनकी होशियारी या सफलता नहीं है। असल में इस आयोजन...
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