महाराष्ट्र का एक गांव है हिवरे बाजार. यह अहमदनगर जिले में है. यह गांव एक दशक पहले तक बीरान हो गया था. लोग भाग कर शहरों में मजदूर बन गये थे. खेतों में दरारें पड़ गयीं थी. कई एकड़ जमीन के मालिक भी दिहाड़ी मजदूर बन गये थे. आज यह गांव फिर से आबाद है. 216 परिवार इस गांव में रह रहे हैं. उनमें से 51 करोड़पति हैं. आधे से अधिक...
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यहां ग्राउंड वाटर का सबसे अधिक दोहन हो रहा, 310 मीटर और नीचे गया पानी
रांची. कांके, रातू और ओरमांझी ब्लॉक में ग्राउंड वाटर डेंजर जोन में पहुंच गया है। कांके में ग्राउंड वाटर का सबसे अधिक दोहन हो रहा है। इन क्षेत्रों में जितना पानी जमीन के अंदर पहुंच रहा है, उससे अधिक निकाला जा रहा है। शहरी क्षेत्र में भी पिछले चार वर्षों में ग्राउंड वाटर लेवल काफी नीचे चला गया है। हिनू सहित दर्जनों एरिया में वाटर लेवल पांच से 10 मीटर...
More »सरपंच बन साकार किया विकास का सपना
अनीता बैरवा राजस्थान के जयपुर जिले के चाकसू ब्लॉक की शिवदासपुरा पंचायत की सरपंच हैं. कुछ वर्ष पहले तक वे आंगनबाड़ी में सहयोगिनी के रूप में काम करती थीं और अपना ब्यूटी पार्लर भी चलाती थीं. अब वर्ष 2010 से अपनी नयी भूमिका में वे महिलाओं का रूप रंग निखारने के बजाय अपनी पंचायत का स्वरूप सुधारने पर अधिक ध्यान दे रही हैं. भरपूर आत्मविश्वास की धनी 33 वर्षीया अनीता...
More »महंगे डीजल का सही निर्णय-डा भरत झुनझुनवाला
लगभग छह माह पूर्व यूपीए सरकार ने डीजल के दाम बढ़ाने का निर्णय लिया था. विपक्षी पार्टियों ने सरकार के इसका विरोध किया था. उनके दो मुख्य तर्क थे. एक यह कि मूल्य वृद्घि से महंगाई बढ़ेगी. दूसरा यह कि गरीब पर दुष्प्रभाव पड़ेगा. दोनों तर्क फेल हो गये हैं. महंगाई नियंत्रण में है और गरीब द्वारा हाहाकार का कोई संकेत नहीं है. डीजल की मूल्य वृद्घि से महंगाई न बढ़ने...
More »उत्तराखंड की चेतावनी- अपूर्व जोशी
जनसत्ता 26 जून, 2013: उत्तराखंड में आई भारी विपदा पर लिखने बैठा, तो एकाएक बाबा नागार्जुन याद आ गए, अपनी एक कविता के जरिए- ताड़ का तिल है/ तिल का ताड़ है/ पब्लिक की पीठ पर बजट का पहाड़ है/ किसकी है जनवरी/ किसका अगस्त है/ कौन यहां सुखी है/ कौन यहां मस्त है/ सेठ ही सुखी है। सेठ ही मस्त है/ मंत्री ही सुखी है/ मंत्री ही मस्त है/...
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