पश्चिमी घाट कहलाने वाली सह्याद्रि पर्वतऋखंला के इलाके में एक गांव है खंबोली। और इस गांव के एक किसान विश्वनाथ की धनखेतियां सुनहली धूप में सोने की तरह चमचमा रही हैं। धनखेतियों के चारो तरफ अमराई है, अमराइयों से ठंढी बयार बहती है, धनखेतियों को आकर दुलार देती है। यों तो भारत के ज्यादातर किसानों की खेती सिंचाई के लिए बारिश के पानी पर निर्भर है लेकिन इसके उलट विश्वनाथ ने धान...
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मगध में मुरदहिया सन्नाटा- निराला(तहलका, हिन्दी)
बिहार के मगध क्षेत्र में इंसेफलाइटिस पिछले तीन महीने से अमूमन हर रोज एक बच्चे की जान ले रहा है. जो बच्चे बच जा रहे हैं उन्हें बाकी जिंदगी अपंगताओं के साथ गुजारनी होगी. लेकिन इलाके के जनप्रतिनिधि, शासन-प्रशासन और कथित समाजसेवी संस्थाएं आंखें मूंदे बैठे हैं. निराला की रिपोर्ट पिंकी की उम्र आठ-नौ साल होगी. गया-पटना रोड पर स्थित रसलपुर गांव की रहने वाली है. उसके सामने जाते ही उसकी...
More »घर बैठे पूरी नहीं होगी हाजिरी, कक्षा में आना ही होगा
जम्मू निजी बीएड कालेजों में स्टूडेंट्स की उपस्थिति सुनिश्चित करने को जम्मू यूनिवर्सिटी ने बायोमैट्रिक्स प्रणाली इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। इसके अंतर्गत निजी कालेजों में बायोमैट्रिक्स ऑथेंटिकेशन मशीन लगेगी। स्टूडेंट्स को रोजाना इस मशीन पर अपने हाथ की छाप देनी होगी। इससे हिसाब बनेगा कि स्टूडेंट एकेडमिक सत्र में कितने दिन क्लास पढ़ने आता है। इससे अब धोखाधड़ी पर लगाम लगाई जा सकेगी। जो स्टूडेंट यूनिवर्सिटी के रिकार्ड में रजिस्टर्ड...
More »कृषि की कम होती भूमिका में खाद्य संकट- रवि शंकर
बढ़ती आबादी, औद्योगिकीकरण व अन्य कारणों से घटती जमीन, आर्थिक विकास और अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के कारण भारतीय कृषि भारी दबाव में है। यह सच है कि देश की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है। देश की 52 प्रतिशत श्रमशक्ति कृषि तथा इससे जुड़े क्षेत्रों से ही अपना जीविकोपार्जन कर रही है। फिर भी संकट का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में...
More »पहाड़ी पर किया ऐसा चमत्कार कि रह गए सब देखने वाले!
धार/इंदौर।कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो जमकर उछालो यारों., इन पंक्तियों को साकार कर रहे हैं धामनोद के पास छोटे से गांव पटलावद के 43 वर्षीय किसान राम पाटीदार। जुनून भी ऐसा कि 200 बीघा में फैली कुंदा पहाड़ी पर एक लाख नीम और रतनजोत के पौधे रोप दिए हैं। सारे पौधे खुद की नर्सरी में तैयार किए थे। पौधों को पहाड़ी पर पानी मिलता रहे इसीलिए एक लाख...
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