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मनरेगा में करोड़ों का फर्जीवाड़ा

भोपाल। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (नरेगा ) जो अब महात्मा गाधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के नाम से जानी जाती है। इस योजना का उद्देश्य था कि क्षेत्र के मजदूरों को अपने ही गाव में काम मिले और वे पलायन नहीं कर सकें, लेकिन अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से काम मशीनों द्वारा करा लिए जाते है, जिससे मजदूरों को काम नहीं मिल पाता। इस कारण गरीब परिवार काम के सिलसिले में...

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बथानी टोला नरसंहार के 23 दोषी

आरा, जागरण संवाददाता। बिहार के भोजपुर जिले के सहार थानांतर्गत बथानी टोला नरसंहार मामले में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव ने बुधवार को 23 आरोपियों को दोषी करार दिया और अन्य 33 आरोपियों को मुक्त करते हुए उनकी रिहाई का आदेश दिया। बता दें कि बथानी टोला नरसंहार में तीन माह की बच्ची समेत 21 लोगों की हत्या कर दी गई थी। मारे गए लोगों में अधिकांश महिलाएं थीं। विशेष लोक...

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नरेगा के कारण श्रमिकों के पलायन में कमी आई

नई दिल्ली। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना [नरेगा] की वजह से गांवों से श्रमिकों के पलायन में कमी आने का दावा करते हुए सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में इस योजना के तहत रोजगार प्राप्त करने वाले आदिवासियों के प्रतिशत में आई गिरावट इस योजना का दायरा बढ़ने की वजह से नजर आ रही है। ग्रामीण विकास मंत्री सी. पी. जोशी ने माकपा की वृंदा करात के पूरक प्रश्न के उत्तर में...

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सब ताज उछाले जाएंगे, सब तख्‍त गिराये जाएंगे- अरुंधति रॉय

दंतेवाड़ा को समझाने के कई तरीके हो सकते हैं। यह एक विरोधाभास है। भारत के हृदय में बसा हुआ राज्यों की सीमा पर एक शहर। यही युद्ध का केंद्र है। आज यह सिर के बल खड़ा है। भीतर से यह पूरी तरह उघड़ा पड़ा है। दंतेवाड़ा में पुलिस सादे कपड़े पहनती है और बागी पहनते हैं वर्दी। जेल अधीक्षक जेल में है, और कैदी आजाद (दो साल पहले शहर की पुरानी जेल से करीब 300...

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कब चमकेगी आदिवासियों की किस्मत!

नई दिल्ली [भारत डोगरा]। भारतीय संविधान ने आदिवासी समुदायों की विशेष आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशीलता का परिचय दिया और संविधान की इस भावना के अनुकूल हमारे देश में आदिवासी हितों की रक्षा के अनेक कानून भी बनाए गए, लेकिन इसके बावजूद जमीनी स्तर की वास्तविकता यह रही कि आदिवासियों को कई तरह का अन्याय सहना पड़ा। बड़े पैमाने पर वे जमीन से वंचित हुए व उनकी वन-आधारित आजीविका भी अधिकाश स्थानों पर तेजी से कम होती...

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