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जनगणना जारी : 4 लाख परिवार कचरा बीनकर और 6.68 लाख परिवार भीख मांगकर करते हैं गुजारा

नयी दिल्ली : 4.08 लाख परिवार कचरा बीनकर और 6.68 लाख परिवार भीख मांगकर अपना घर चला रहे हैं. इस बात का पता चला कि सरकार की ओर से बाज जारी जनगणना रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. देश के सिर्फ 4.6 प्रतिशत ग्रामीण परिवार आयकर देते हैं जबकि वेतनभोगी ग्रामीण परिवारों की संख्या 10 प्रतिशत है. यह बात आज पिछले आठ दशक में पहली बार जारी सामाजिक आर्थिक...

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देश में ग्रामीण और शहरी इलाकों में 24.39 करोड़ परिवार

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार ने शनिवार को देश के सामाजिक और आर्थिक आधार पर की गई जनगणना के आंकड़े जारी किए। वित्त मंत्री अरुण जेटली व ग्रामीण विकास राज्य मंत्री ने सामाजिक-आर्थिक जनगणना के आंकड़े पेश किए। हालांकि, सरकार ने जातिगत आधार पर की गई जनगणना के आंकड़े जारी नहीं किए। इस दौरान वित्‍तमंत्री हुए अरुण जेटली ने दावा किया कि यह एक शानदार दस्तावेज होगा। इससे भारत की हकीकत पता...

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अंत्योदय अन्न योजना को खत्म करने का नायाब बहाना!

क्या सरकार तकनीकी नुक्तों की आड़ में खाद्य सुरक्षा कानून से जुड़ी अपनी जिम्मेदारियों से बचना चाहती है ? इस कानून के क्रियान्वयन के लिए संघर्ष करने वाले नागरिक संगठनों ने ऐसी ही आशंका जतायी है।   नागरिक संगठनों को आशंका है कि समाज के सबसे गरीब तबकों को खाद्य-सुरक्षा प्रदान करने के लिए जारी अंत्योदय अन्न योजना को सरकार ने पीडीएस कंट्रोल आर्डर के जरिए निशाना बनाया है।   पीडीएस कंट्रोल आर्डर में कहा गया है कि मौत या फिर पलायन की...

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योग ग्लैमरस है, ग़रीब की मौत नहीं?- कुमार केतकर

मौत में कोई ग्लैमर नहीं होता. ख़ासकर ग़रीब झुग्गीवालों की मौत में. मुंबई में झुग्गीवाले भी रहते हैं और करोड़पति भी. आमतौर पर दोनों फ़िल्मों को छोड़कर कहीं और नहीं मिलते. लेकिन यहाँ ऐसे भी माफ़िया करोड़पति भी हैं जो मुंबई की बड़ी झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले अभागे ग़रीबों पर फलते-फूलते हैं. मुंबई की झुग्गियों में 50 लाख से ज़्यादा लोग रहते हैं. इनकी जीवन शैली सहारा मरुस्थल के देशों या सोमालिया...

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अंत्योदय योजना खतरे में - ज्यां द्रेज

गरीब-विरोधी होने की धारणा से भले ही मोदी सरकार लड़ने का दावा कर रही हो, मगर अंत्योदय अन्य योजना को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली से चरणबद्ध तरीके से बाहर निकालने का फैसला कर उसने गरीबों को एक बड़ा झटका दिया है। यह कदम अन्यायपूर्ण और अवैध है।   अंत्योदय योजना के तहत गांवों के अत्यधिक गरीब परिवारों को 35 किलो खाद्यान्न नाममात्र की कीमतों (चावल तीन रुपये प्रति किलो और गेहूं दो...

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