-न्यूजलॉन्ड्री, उत्तर प्रदेश में 2017 में सांप्रदायिक रूप से एक बहुत ही बंटे हुए चुनावी अभियान के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मैदान में उतरे तो हालात की उत्तेजना और बढ़ गई. एक सार्वजनिक मंच से उन्होंने राज्य सरकार पर - जो एक विपक्षी दल के हाथ में थी - आरोप लगाया कि वह श्मशानों की तुलना में कब्रिस्तानों पर अधिक खर्च करके मुसलमानों को खुश कर रही है....
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खेत में हाजिरी ही किसान की आमदनी को कर सकती है दोगुनी,तिगुनी और चौगुनी : किसान कपिल भाटिया
-वाटर पोर्टल, हिसार चंडीगढ़ रोड पर सूरेवाला मोड़ के नज़दीक वाकिंग डिस्टेंस पर बोर्ड दिखाई दे जाता है वी.डी. फ़ार्म फ्रेश और वी.डी. ओर्गानिक्स और यहाँ आपको मिल जायेंगे किसान कपिल भाटिया जी, जो कहते हैं कि मैं अपना फ़ार्म कभी भी छोड़ कर जब तक बहुत ही ज्यादा जरूरी ना हो कहीं नही जाता हूँ | मेरी दादी जी का नाम श्रीमती बिशन देवी था और मेरा उनसे बड़ा लगाव था मैंने 37 वर्ष...
More »आपदा के मददगार: कोरोना के खौफ से अपने भी जिन शवों को हाथ नहीं लगाते, ये उनका अंतिम संस्कार करते हैं
-गांव कनेक्शन, "यहां कोविड-19 के हालात बहुत खराब हैं। उद्गीर जैसे छोटे से शहर में रोजाना 10-20 लोगों की मौत होती है। कोरोना का इतना खौफ है कि अक्सर परिवार वाले डेड बॉडी को हाथ नहीं लगाते। शहर तो दूर गांव में ऐसे ही हालात हैं, फिर हम लोग उनका अंतिम संस्कार करते हैं। इस साल अब तक 140 लोगों का अंतिम संस्कार किया है।" गौस शेख ने गांव कनेक्शन को...
More »जच्चा-बच्चा सर्वे: गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं का एक बड़ा हिस्सा अभी भी मातृत्व लाभ से वंचित है
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 मातृत्व लाभ के लिए गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा 6,000 रुपए/ - प्रति बच्चा की गारंटी देता है. इस अधिनियन में वह शामिल नहीं हैं, जो केंद्र सरकार या राज्य सरकारों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ या अन्य कानूनों के तहत नियमित रोजगार में रहते हुए इस तरह के लाभ उठा रहे हैं. एनएफएसए-2013 भी कानूनी...
More »कोविड, लाचारी की मौत और बुलडोज़र
-न्यूजलॉन्ड्री, 18 अप्रैल की शाम के तकरीबन साढ़े पांच बज रहे थे, हैदराबाद के पास जगनगुडा गांव में 26 साल के प्रदीप मधासु बेबस अपनी मां की लाश को एक जेसीबी मशीन के मिट्ठी ढोने वाले हिस्से में रखे जाता देख रहे थे और बेतहाशा रो रहे थे. वह रोते हुए लाचारी से बस अम्मा-अम्मा पुकार रहे थे. अपने किसी प्रियजन के पार्थिव शरीर को इस तरह से ले जाने का...
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