पलिया कला [खीरी]। मौसम का मिजाज जैसे-जैसे गर्म होता जा रहा है उसी तरह प्राकृतिक जल स्त्रोत भी सूखते जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के वन्य जीव अभ्यारण्य दुधवा टाइगर रिजर्व के जल स्त्रोत अभी से सूखने लगे हैं। मई-जून में इन प्राकृतिक जल स्त्रोत के पूरी तरह सूखने की आशंका है। दुधवा की लाइफ लाइन सुहेली नदी भारी सिल्ट के कारण पहले ही उथली हो चुकी है। 886 वर्ग किमी के विशाल क्षेत्र...
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अमीरी-गरीबी के बीच बढ़ता फासला
नई दिल्ली [निरंकार सिंह]। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि 11वीं योजना के अंत तक नौ फीसदी और 12वीं पंचवर्षीय योजना में 10 फीसदी विकास दर का लक्ष्य होना चाहिए। इसके साथ यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इसका फायदा समाज के हर वर्ग को मिले। इनकी सरकार लगातार समावेशी विकास के दावे कर रही है, लेकिन उसने विकास के उन तौर तरीकों को अपनाया है, जिससे समाज में विषमता बढ़ गई है। अमीरी और...
More »कृषि उत्पादन के लिए बेहतर तैयारी
नई दिल्ली : साल 2010-11 में कृषि उत्पादन में भारी बढ़ोतरी सुनिश्चित करने के लिए सरकार कोई भी कोर-कसर बाकी नहीं रखना चाहती है। शुरुआती संकेत बता रहे ...
More »एक पहल जल-जंगल के लिए
शिमला [ब्रह्मानंद देवरानी]। देर आयद, दुरुस्त आयद यह कहावत कोटखाई क्षेत्र के उन लोगों पर चरितार्थ होती है जिन्होंने वनों के अवैध कटान और जल संरक्षण के लिए बीड़ा उठाया है। संभव है कि छोटी सी ही सही, लेकिन इन लोगों ने वनों की अहमियत को समझकर जो पहल की है, निस्संदेह यह कदम जलवायु परिवर्तन के लिए उपयोगी होगी। वनों का अवैध कटान कर उस भूमि पर बागीचा लगाने के लिए बदनाम ऊपरी शिमला...
More »निजी नलकूपों ने लगाया भूजल स्तर को ग्रहण
भोपाल। गर्मी के आते ही शहर में पानी की किल्लत शुरू हो गई है और नगर निगम मुख्यालय में अधिकारी अभी जल संकट से निपटने की योजना भी नहीं बना पाए हैं। करोद जैसी घनी आबादी में पानी की खरीदी बिक्री का खेल शुरू हो गया है। शहर में बढ़ते नलकूपों के खनन ने भूजल स्तर को ऐसा ग्रहण लगाया है कि कई बस्तियों में पानी के लिए हाहाकार की स्थिति बन रही है। जानकारी...
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