SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1035

15000 स्कूलों के बच्चों का भविष्य दांव पर

चिंताजनक. राज्य सरकार और पारा शिक्षकों के बीच खींचतान, मजाक बन गयी प्राथमिक शिक्षा कुछ मामलों में राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की नीतियां स्पष्ट नहीं होने से राज्य की प्राथमिक शिक्षा ध्वस्त होती जा रही है. मांगाें को लेकर आये दिन पारा शिक्षक, शिक्षा परियोजनाकर्मी और बीआरपी-सीआरपी के कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं. इससे खासकर ग्रामीण इलाकों में स्कूलों की पढ़ाई ठप हो जा रही है. गौरतलब है कि राज्य...

More »

दिल्ली में एक हफ्ते में 150 फीसदी बढ़े चिकनगुनिया के मरीज, अब तक 4 हजार बीमार

भले ही केंद्र और राज्य सरकार चिकनगुनिया को बड़ा खतरा न मान रही हो, लेकिन राजधानी दिल्ली में बीते एक हफ्ते के अंदर इस बीमारी के मरीजों की संख्या में 150 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. MCD के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक 4 हजार लोगों का चिकनगुनिया और डेंगू टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है. द इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक, सिर्फ एक हफ्ते में अकेले चिकनगुनिया के 1,568 नए...

More »

थोक मुद्रास्फीति दो साल के उच्चस्तर पर, अगस्त में 3.74 प्रतिशत

नयी दिल्ली : थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में बढकर 3.74 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो इसका दो साल का उच्चस्तर है. दालों और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी से थोक मुद्रास्फीति बढी है. हालांकि, इस दौरान सब्जियों की कीमतों में गिरावट भी आई. जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 3.55 प्रतिशत पर थी. अगस्त, 2015 में यह शून्य से 5.06 प्रतिशत नीचे थी. इससे पहले अगस्त,...

More »

असमानता की जड़ें-- सतीश सिंह

सरकार चाहती है कि देश विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर हो, लेकिन वह बैंकों की सेहत सुधारने की दिशा में ठोस पहल नहीं कर रही है। मजबूत अर्थव्यवस्था की रीढ़ बैंकिंग क्षेत्र को माना गया है। अर्थव्यवस्था को बैंकों की मदद से ही संतुलित रखा जा सकता है। बैंकों की सकारात्मक भूमिका के बिना वित्तमंत्री देश के विकास के सपने को साकार नहीं कर सकते हैं। संपत्ति शोध कंपनी ‘न्यू...

More »

सरकारी स्कूलों में शिक्षा की खराब गुणवत्ता के लिए सिर्फ शिक्षकों को दोष देना उचित नहीं

देश के शिक्षा-संबंधी सभी अध्ययन और सर्वेक्षण इंगित करते हैं कि छात्रों का स्तर अपेक्षा से नीचे है. इस स्थिति के लिए आम तौर पर शिक्षकों को दोषी ठहरा दिया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि हमारे विद्यालयों का इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था बेहद लचर है. देश में एक लाख से अधिक विद्यालय ऐसे हैं, जहां सिर्फ एक शिक्षक है. अधिकतर विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close