रांची: राज्य में स्कूली बच्चों को पहली बार नि:शुल्क विद्यालय किट दिया जायेगा. इसके तहत सरकारी विद्यालयाें में पढ़नेवाले कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को शिक्षण सामग्री, स्कूल बैग व जूता-मोजा दिया जायेगा. योजना का लाभ उसी बच्चे को मिलेगा जिसकी कक्षा में उपस्थिति 50 प्रतिशत होगी. इस पर कुल तीन अरब दस करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस योजना का पूरा वित्तीय...
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बालिका इन्सेंटिव योजना 6 सालों से खा रही धूल
रायगढ़ (निप्र)। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा इन दिनों जोर-शोर से उठाया जा रहा है। इस अभियान तहत प्रदेश के सिर्फ रायगढ़ जिले को जोड़ा ही गया है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ तहत तमाम तरह की कवायद की जा रही है। बावजूद इसके आज भी ग्रामीण अंचलों के स्कूलों में बेटियों की संख्या बेहद कम है। बेटियों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने बालिका इन्सेंटिव योजना की भी...
More »ख्वाब नहीं, सुविधाएं दीजिए- भरत झुनझुनवाला
केंद्रीय हाउसिंग मंत्रलय ने गरीबों के लिए मकान बनाने को राज्य सरकारों से आग्रह किया है. मंत्रलय ने तीस लाख घर प्रति वर्ष बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस योजना को राज्य सरकारों के माध्यम से लागू किया जायेगा. योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों को ब्याज पर 6.5 प्रतिशत की सब्सिडी दी जायेगी. यदि गरीब परिवार को बैंक से 12 प्रतिशत की दर से ऋण मिलता है, तो उसे...
More »ताकि प्राथमिक शिक्षा में सुधार आए- जाहिद खान
देश की प्राथमिक शिक्षा में सुधार हो, सरकारें इस मुद्दे पर दशकों से विचार कर रही हैं। लेकिन यह सुधार कैसे होगा, इस पर कभी ईमानदारी से नहीं सोचा गया। यही वजह है कि आजादी के अड़सठ साल बीत जाने के बाद भी सरकारी नियंत्रण वाले प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में न तो शिक्षा का स्तर सुधर पा रहा है और न ही इनमें विद्यार्थियों को बुनियादी सुविधाएं मिल पा...
More »खस्ताहाल बैंकों के साथ कैसे होगा विकास - धर्मेंद्रपाल सिंह
अब तो वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी मान लिया है कि सार्वजनिक बैंकों की हालत बेहद खस्ता है। इस साल मार्च तक कर्जदारों के पास देश के सभी बैंकों का 30.9 खरब रुपया फंसा पड़ा था, जिसमें अकेले सार्वजनिक बैंकों के 26.7 खरब रुपए हैं। उनका नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) खतरनाक सीमा पर खड़ा है। खस्ताहाल बैंकों में प्राण फूंकने के लिए कुछ समय पहले वित्त मंत्री ने चार...
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