कुछ महीने पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा दी गयी रपट के अनुसार, भारत के विकास में कुछ विदेशी धन से पोषित एनजीओ बाधा बन रहे हैं. एनजीओ द्वारा प्राप्त धन का दुरुपयोग रोकने के लिए सरकार ने हाल में आदेश दिया है कि इनके द्वारा 20,000 से अधिक का भुगतान चेक द्वारा ही किया जायेगा. ऐसा करने से एनजीओ के लिए धन का गैरकानूनी उपयोग करना कठिन हो जायेगा. तमाम देशों में...
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सरकार और अदालत के दायरे - जगदीप धनकड़
यदि हाल के दिनों में मीडिया में आई खबरों और रिपोर्टों की मानें तो कहा जा सकता है कि न्यायिक सक्रियता अपने चरम पर है। मीडिया में अकसर इस आशय की खबरें छपती हैं कि अदालत ने फलां मामले में सरकार को आड़े हाथों लिया है या उसे लताड़ लगाई है। कई मामलों में तो अदालत ने विपक्षी दलों से भी ज्यादा सरकार की मुखालफत की है। कभी-कभी ऐसा भी...
More »असभ्य समाज का चिह्न है मृत्युदंड- आकार पटेल
आजकल दो अपराधियों की नियति चर्चा में है. एक हैं गुजरात की पूर्व मंत्री मायाबेन कोडनानी, जिन्हें 2002 में राज्य में हुए नरसंहारों में से एक में अपराधी मानते हुए 28 वर्ष की कैद की सजा दी गयी है. उन्हें खराब स्वास्थ्य के आधार पर फिलहाल जमानत मिली हुई है. इस महीने गुजरात सरकार ने कहा है कि वह कोडनानी का पक्ष लेगी और उन्हें जेल भेजने पर आमादा विशेष...
More »पुलिस सुधार का नजरिया -विकास नारायण राय
हर वर्ष पुलिस स्मृति दिवस (इक्कीस अक्तूबर) पर विभिन्न पुलिसबलों के सैकड़ों शहीद याद किए जाते हैं। एक ओर कर्तव्य-वेदी पर प्राणों की आहुति की वार्षिक रस्म-अदायगी देश की तमाम पुलिस यूनिटों में हो रही होती है और दूसरी ओर पुलिस की छवि को लेकर भारतीय समाज में मिश्रित कुंठाएं भी ज्यों की त्यों बनी रहती हैं। पुलिस की पेशेवर क्षमता को लेकर जन-मानस में धारणा रही है, बेशक अतिरेकी,...
More »रोजगार गारंटी का क्या विकल्प? - डॉ. भरत झुनझुनवाला
इसमें कोई संदेह नहीं कि मनरेगा के कारण गरीबों को बड़ी राहत मिली है। मनरेगा के लागू होने के बाद दो वर्षों के अंदर खेत मजदूरों की दिहाड़ी 120 रुपए से बढ़कर 250 हो गई थी। बिहार के श्रमिकों ने पंजाब जाना कम कर दिया था, क्योंकि उन्हें घर के पास रोजगार मिल रहा था, चाहे वह सीमित मात्रा में ही क्यों न हो। इस कार्यक्रम पर अब केंद्र सरकार...
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