जहां चाह है, वहां धंधा है और ज्यादा चाह है, वहां काला धंधा है. देश में जमीन-जायदाद या रियल एस्टेट के धंधे का सालोंसाल से यही हाल है. उद्योग संगठन फिक्की के एक अध्ययन के मुताबिक, देश में सबसे ज्यादा कालाधन रियल एस्टेट में लगा है, सोने व चांदी से भी ज्यादा. कम-से-कम अगले छह सालों तक इस धंधे में मंदी के कोई आसार भी नहीं हैं. केंद्र सरकार ने...
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मनरेगा : देश के एक तिहाई जिलों में ही सामाजिक अंकेक्षण
चालू वित्तवर्ष में अब चंद दिन बाकी हैं लेकिन देश के केवल एक तिहाई जिलों में ही मनरेगा के कामकाज का सामाजिक अंकेक्षण हो सका है. मनरेगा संबंधी सूचनाओं की वेबसाइट के एमआईएस(मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम) के आंकड़ों के विश्लेषण से इस तथ्य का खुलासा होता है कि वित्तवर्ष 2015-16 में 26 मार्च तक देश के केवल एक तिहाई जिलों में ही सामाजिक अंकेक्षण का काम हुआ है. एमआईएस के आंकड़ों के मुताबिक मनरेगा...
More »बेटे के इलाज के लिए नहीं मिली सरकारी मदद, पिता ने की खुदकुशी
देवभोग। जिंदगी अब खत्म कर देने की सोच रहा हूं। शासन-प्रशासन से भी इच्छामृत्यु मांगी थी, लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं आया। मदद की उम्मीद अब शासन-प्रशासन से करना ही बेकार है। पांच सालों से बिस्तर पर पड़े-पड़े किसी तरह जिंदगी जी रहा हूं। आज जिंदगी को थामकर चलाने वाले मेरे पिता ने भी जिंदगी से हार मान ली और फांसी लगा ली। ये शब्द नम आंखों से...
More »महाराष्ट्र में आत्महत्या का प्रयास करने वाले किसान की मौत
मुंबई। तीन दिन पहले महाराष्ट्र सचिवालय के सामने कीटनाशक पीकर आत्महत्या का प्रयास करने वाले किसान माधव कदम की मौत हो गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस आशय की जानकारी दी। माधव सूखे का सामना कर रहे मराठवाड़ा क्षेत्र के नांदेड़ जिले के रहने वाले थे। माधव ने बुधवार को सचिवालय के सामने स्थित नए प्रशासनिक भवन के गेट पर कीटनाशक क्लोरिफायरोफॉस पी लिया था। अधिकारी ने बताया, 'माधव को...
More »महात्मा गांधी की चंपारण यात्रा की स्मृतियों को सहेजने की पहल
पटना : नील की खेती करने वाले किसानों के आंदोलन के समर्थन में 1917 में महात्मा गांधी की चंपारण यात्रा के शताब्दी वर्ष पर उनके यात्रा मार्ग से जुड़ी स्मृतियों को सहेजने और नई पीढ़ी से रूबरू कराने के साथ ही स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े वयोवृद्ध सेनानियों के संस्मरण को संकलित करने की पहल की गयी है. महात्मा गांधी की चंपारण यात्रा और सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष के अवसर पर...
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