देश की प्राथमिक शिक्षा में सुधार हो, सरकारें इस मुद्दे पर दशकों से विचार कर रही हैं। लेकिन यह सुधार कैसे होगा, इस पर कभी ईमानदारी से नहीं सोचा गया। यही वजह है कि आजादी के अड़सठ साल बीत जाने के बाद भी सरकारी नियंत्रण वाले प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में न तो शिक्षा का स्तर सुधर पा रहा है और न ही इनमें विद्यार्थियों को बुनियादी सुविधाएं मिल पा...
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दुनिया के बाजार में बदलावों का दौर - डॉ. भरत झुनझुनवाला
विश्व अर्थव्यवस्था के मंदी में प्रवेश करने के संकेत मिल रहे हैं। चीन ने अपनी मुद्रा युआन का हाल में अवमूल्यन किया है चूंकि उस देश द्वारा बनाए गए माल की विश्व बाजार में बिक्री नहीं हो रही थी। युआन का मूल्य कम होने से अमेरिकी खरीदार के लिए चीन का माल सस्ता पड़ेगा। चीन को आशा है कि उसका माल सस्ता होने से बिक्री बढ़ेगी और वह मंदी से...
More »बिजली की राह में सब्सिडी का झटका- नूर मुहम्मद
मोदी सरकार ने वायदा किया है कि अगले पांच वर्षों में हर घरों में चौबीस घंटे बिजली पहुंचाई जाएगी। इसके लिए उन्होंने पारेषण (ट्रांसमिशन) संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए मेगा योजना की शुरुआत भी की है। लेकिन बिजली वितरण कंपनियों की अनिश्चित वित्तीय हालत इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य की राह में बड़ी रुकावट साबित हो सकती है। स्थिति यह है कि सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाताओं से 1.93 लाख...
More »किसानों की खुदकुशी के सबब- विनोद कुमार
जरा गौर कीजिए कि इसी देश में करीब अठारह-बीस करोड़ भूमिहीन दलित, अति पिछड़े मजूर हैं। उनके जीवन में यह मौका ही नहीं आता कि वे बैंक से कर्ज लें, खेती करें, उनकी फसल नष्ट हो और वे आत्महत्या कर लें। इसका अर्थ यह नहीं कि हम किसानों की आत्महत्या से पीड़ा का अनुभव नहीं करते। लेकिन इस बात को समझना तो होगा कि एक भूमिहीन किसान या मजूर आत्महत्या न...
More »बिजली की राह में सब्सिडी का झटका- नूर मुहम्मद
मोदी सरकार ने वायदा किया है कि अगले पांच वर्षों में हर घरों में चौबीस घंटे बिजली पहुंचाई जाएगी। इसके लिए उन्होंने पारेषण (ट्रांसमिशन) संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए मेगा योजना की शुरुआत भी की है। लेकिन बिजली वितरण कंपनियों की अनिश्चित वित्तीय हालत इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य की राह में बड़ी रुकावट साबित हो सकती है। स्थिति यह है कि सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाताओं से 1.93 लाख...
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