ग्वालियर, डॉ.अमरनाथ गोस्वामी। मोटा मुनाफा कमाने के लिए दवा कंपनियों ने बाजार में ब्रांडेड जैनरिक दवाएं उतार दी हैं। ये दवाएं है तो जैनरिक, लेकिन इन्हें एक अलग ब्रांड बनाकर बेचा जा रहा है। ब्रांड का ठप्पा होने के कारण इनके इथिकल या जैनरिक होने की पहचान खत्म हो गई है। इसका खामियाजा आम आदमी को ही भुगतना पड़ रहा है। इन दवाओं की कीमत में औसतन 100 से 150...
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सुधार की दिशा में बहुत बड़ा कदम - मोहन गुरुस्वामी
वस्तु एवं सेवा कर विधेयक (जीएसटी बिल) एक राष्ट्रीय मूल्यवद्र्धित कर प्रणाली प्रस्तावित करता है। वैसे तो इसे जून 2016 तक कानून का रूप ले लेना चाहिए था, लेकिन सत्तापक्ष-विपक्ष में टकराव की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। अब लगता है कि जल्द ही यह कानून बन जाएगा। बुधवार को यह बिल सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच लंबी चर्चा के जरिए बनी सहमति के बाद राज्यसभा में पारित हो...
More »अबॉर्शन लॉ भारत में हर 10 में से 7 महिलाएं नहीं सहमत
भारत के 20 सप्ताह वाले वर्तमान अबॉर्शन लॉ से हर 10 में से 7 महिलाएं सहमत नहीं हैं। यह जानकारी फ्रांस की एक कंपनी द्वारा करवाए गए ऑनलाइन शोध में सामने आई है। इसमें 70% ने कहा कि महिला जब चाहे उसे गर्भपात की इजाजत होनी चाहिए। हालांकि 30 फीसदी इसके खिलाफ हैं। यह अध्ययन 23 देशों में ऑनलाइन किया गया। इसका मकसद इस मुद्दे पर वैश्विक राय जानना था।...
More »उजाला का लैंप काटेगा गरीबों की 10 यूनिट मुफ्त बिजली
रायपुर, नईदुनिया न्यूज। छत्तीसगढ़ में बिजली बचाने के लिए उजाला योजना में 15 लाख से ज्यादा बीपीएल परिवारों को फ्री लैंप बांटने के बाद सरकार मुफ्त बिजली में कटौती की तैयारी कर रही है। बिजली कंपनी ने इन परिवारों को 40 की जगह 30 यूनिट मुफ्त बिजली देने का प्रस्ताव दिया है। तर्क है कि लैंप से बीपीएल परिवारों की बिजली की खपत कम हो जाएगी। बिजली कंपनी घाटे से...
More »खाड़ी देश में फंसे प्रवासियों की पीड़ा - रहीस सिंह
कभी-कभी दो परस्पर विरोधी स्थितियां जब सामने आती हैं, तो वे संशय पैदा करने के साथ काफी हद तक हमें असहज भी बना जाती हैं। इन स्थितियों को देख एक आम प्रश्न मन में उठता है कि यदि हम दुनिया की सबसे चमकदार अर्थव्यवस्था बन रहे हैं तो फिर हमारे युवाओं को काम के लिए दूसरे देशों में खाक छानने की जरूरत क्यों पड़ रही है? दूसरा सवाल यह कि...
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