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एक आंदोलन का पुनरुद्धार!- शिरीष खरे(तहलका, हिन्दी)

क्या जल सत्याग्रह की सफलता पिछले 26 साल से चल रहे नर्मदा बचाओ आंदोलन में नई जान फूंक पाएगी? शिरीष खरे की रिपोर्ट. पिछले दिनों जल सत्याग्रह के चलते मध्य प्रदेश के खंडवा जिले का घोघलगांव सुर्खियों में आया और उसी के साथ नर्मदा बचाओ आंदोलन भी. नर्मदा घाटी में जल सत्याग्रह का तरीका नया नहीं है. 1991 में मणिबेली (महाराष्ट्र) का सत्याग्रह जल समाधि की घोषणा के साथ ही चर्चा में...

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लगातार वर्षा से बिहार में बाढ़ का खतरा, सरकार ने जारी किया अलर्ट

पटना। लगातार हो रही बारिश और नेपाल के तराई क्षेत्र से छोड़ जाने वाले पानी की वजह से राज्य में बाढ़ का संकट गहरा गया है। सारी नदियां खतरे के निशान को छूने लगी हैं। सोन, बागमती, कोसी, गंडक, घाघरा, महानंदा और गंगा नदी का लगातार बढ़ता जलस्तर को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। विभाग ने अपने सभी अभियंताओं और पदाधिकारियों को मुस्तैदी बरतने और...

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झारखंड में आज भी सपना है बेहतर इलाज

रांची से 32 किमी दूर रांची-पुरुलिया रोड से एक किमी बायें हटकर पहाड़ी की तलहटी में बसा चमघटी पाहनटोली गांव अपनी खूबसूरत भौगोलिक स्थिति व भरपूर हरियाली के कारण लोगों का मन मोह लेता है. पर इस गांव के लोगों की बदहाल जिंदगी व उनका दुख दिल को झकझोर देता है. 31 अगस्त को रांची के अनगड़ा प्रखंड के इस गांव की बीमार आदिवासी महिला लीलावती देवी की मिरगी या...

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देश में मानसून सामान्य के करीब, राजस्थान में 16 फीसदी ज्यादा

जयपुर/नई दिल्ली। अगस्त में हुई भारी बारिश ने मानसून को सामान्य औसत के करीब ला दिया है। जून से पांच सितंबर तक पूरे देश में 675.4 मिमी बारिश हो चुकी है। जबकि सामान्य औसत 748.5 मिमी है। मतलब मानसूनी बारिश अब महज 10 फीसदी कम रह गई है।  राजस्थान में अब तक 16.15 फीसदी अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। राजस्थान में 1 जून से 9 सितंबर तक 491.22 मिमी होती है। अब तक...

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पहाड़ से चिट्ठी- पंकज पुष्कर

जनसत्ता 11 अगस्त, 2012: कुदरत हमें थिरता और नर्तन दोनों सिखाती है। हर्ष और विषाद के बार-बार आने वाले ऐसे ही अवसरों के बीच पहाड़ों का स्वभाव बना है। उत्तरकाशी के उफनते बादल पहाड़ और कुदरत के रिश्तों की जटिलता की ओर ध्यान दिलाते हैं। भला ऐसा कैसे है कि आपदाओं के बीच भी पर्वतीय जीवन प्रकृति-प्रेम का सहजीवन है। बारिश को ही लें। यह मन में हिलोर पैदा करती है। लेकिन...

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