यह सबने देखा कि पिछले दिनों करीब-करीब सभी दलों में आंबेडकर जयंती मनाने को लेकर किस कदर होड़ रही। इस होड़ ने यही साबित किया कि दलित वोट की महत्ता आज पहले की तुलना में कहीं ज्यादा बढ़ गई है। दलितों को मतदान का अधिकार तो शुरू से ही है, लेकिन समाज में अपनी दयनीय स्थिति और राजनीतिक चेतना के अभाव में दलित समाज अपने इस अधिकार का इस्तेमाल नहीं...
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जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चुनौतियां - ज्योति पारिख
स्थायी विकास पर हुए रियो सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के मसले पर दुनिया के 100 देशों के प्रमुखों ने संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन को स्वीकार किया था, लेकिन आज 23 वर्ष बाद दुनिया एक बार फिर से चौराहे पर खड़ी है कि आगे के कदम किस तरह उठाए जाएं। कई देश चाहते हैं कि सभी देशों की जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए उन्हें एक कानूनी संधि से जोड़ा अथवा...
More »फसल बीमा दावे का निपटारा 45 दिन में होगा- अरविन्द सिंह
केंद्र सरकार ने बीमा कंपनियों को बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि में बर्बाद हुई फसलों के बीमा दावे का निपटारा 45 दिन में करने का निर्देश दिया है, जिससे किसानों को जल्द राहत पहुंचाई जा सके। लेकिन देश के 80 फीसदी किसान फसल बीमा योजना के दायरे से बाहर हैं। इसलिए उन्हें आर्थिक लाभ नहीं मिलेगा। किसानों की इस दुर्दशा के लिए बीमा दावे के नियम व राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं। कृषि...
More »समझना होगा सफाई का फलसफा - गोपालकृष्ण गांधी
मैं हमारे प्रधानमंत्री की 'स्वच्छ भारत" योजना का हृदयज समर्थक हूं, उसका स्वागत करता हूं। पिछले 15 अगस्त के लाल किले के भाषण में उन्होंने सफाई पर जो जोर दिया, वह मुझे बहुत अच्छा लगा। पहले कभी-कभार सफाई के बारे में उच्च नेता कुछ कहते थे, लेकिन सफाई का विषय? वह एनजीओ के लायक माना जाता था, नगरपालिकाओं के स्तर का। सड़कों पर, गलियों-कूचों पर, गांव और शहरों में सफाई...
More »किसानों को राहत पहुंचाने में भी आड़े आ रही 'आपदाएं'- अजीत बिसारिया
बेमौसम बारिश और ओलों की मार से त्रस्त किसानों तक मुआवजा राशि पहुंचाने में भी कई तरह की ‘आपदाएं' सामने आ रही हैं। कहीं चेक कम पड़ गए हैं तो कहीं अफसरों-कर्मचारियों के अपनी जगह से न हिलने के चलते सर्वे ठीक से नहीं हो पा रहा है। स्थिति यह है कि किसान त्राहिमाम कर रहे हैं और जिलों का प्रशासन 25 मार्च तक उनके यहां भेज दी गई राशि का...
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