हालांकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाले मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की बात मान ली है, फिर भी वह इस मामले में संविधानप्रदत्त न्यूनतम मजदूरी देने में संकोच कर रही है जबकि देश के कई सूबों में अब भी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाली मजदूरी न्यूतम मजदूरी से कम है। सरकार का तर्क है कि न्यूनतम मजदूरी दी गई तो बढ़ा हुआ वित्तीय...
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स्कूलों को पोल-पट्टी खुलने का भय
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : निजी स्कूलों की बेहिसाब कमाई और हेराफेरी का खुलासा न हो जाए, इसलिए स्कूल प्रशासन गरीबी कोटे के तहत 25 फीसदी सीटों पर दाखिले का विरोध कर रहे हैं। सरकार आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूलों को आर्थिक सहायता देगी तो उनके बही-खातों को ऑडिट भी करेगी। ऐसे में उनकी कमाई व हेराफेरी का खुलासा हो जाएगा, जो उनके लिए परेशानी...
More »अनपढ़ रखने की साजिश!
जयपुर. भाजपा राज में गरीब बच्चों की पढ़ाई के प्रति आकर्षित करने के लिए नगर निगम द्वारा शुरू किए गए ‘हॉल इन द वॉल’ प्रोजेक्ट की सभी इकाइयों पर दलीय राजनीति के चलते ताले लग गए। इस प्रोजेक्ट को संचालित करने वाले एनजीओ हाईवेल ने करार खत्म होने के बाद बोरिया-बिस्तर समेट लिया। नगर निगम के संबंधित अधिकारी-कर्मचारी जब प्रोजेक्ट का संचालन नहीं कर पाए तो सभी इकाइयां बंद कर दीं। अब...
More »खेती में असली क्रांति -- देविंदर शर्मा
2010 तो इतिहास बनने जा रहा है. मैं सशंकित हूं कि क्या नया साल किसानों के लिए कोई उम्मीद जगाएगा? अनेक वर्षो से मैं नए साल से पहले प्रार्थना और उम्मीद करता हूं कि कम से कम यह साल तो किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाएगा, किंतु दुर्भाग्य से ऐसा कभी नहीं हुआ. साल दर साल किसानों की आर्थिक दशा बद से बदतर होती जा रही है. साथ ही कृषि भूमि...
More »सूचना आयुक्त ही दबा रहे हैं जानकारी -- सचिन जैन और रोली शिवहरे
हमने तंत्र और उसे चलाए रखने वाले लोगों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये सूचना के अधिकार कानून की पैरवी की थी, परन्तु जब सरकार इसे लागू करने के लिये जिम्मेदार आयोगों में नौकरशाहों को नियुक्त करने लगती है तब हमें चौकन्ना हो जाना चाहिये. अपने सेवाकाल के करीब तीस सालों या 12775 दिनों में तंत्र के हिस्से के रूप में काम करते हुये जिन लोगों ने उसे गैर जवाबदेह बनाया,...
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