SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 948

स्त्री, सेहत और शौचालय--- नसीरुद्दीन

इसे स्वच्छता का प्रचार मान कर न पढ़ें, वरना नाउम्मीदी हाथ लगेगी! सवाल नजरिये का है. यही वजह है कि खबर की दुनिया में मौलानाओं का समुदाय गलत वजहों से सुर्खियों में ज्यादा जगह पाता है. जब वे कोई समाजी बदलाव की बात करते हैं, तो आम तौर पर उसे कम तवज्जो मिलती है. ऐसी ही एक खबर पिछले दिनों आयी और गुम हो गयी. हरियाणा के नूह इलाके में...

More »

आखिर कब मिलेगा न्याय!-- आकार पटेल

वर्ष 1984 में हुए सिख-विरोधी नरसंहार के पीड़ितों और भुक्तभोगियों को न्याय दिलाने के लिए भारत सरकार कितनी गंभीर है? यह ऐसा प्रश्न है, जिसे जानने के लिए सभी भारतीयों को उत्सुक होना चाहिए, क्योंकि इससे यह बात स्पष्ट हो जायेगी कि इस देश में बड़े पैमाने पर होनेवाली हिंसा के मामले में पीड़ितों को कभी न्याय मिल पायेगा या नहीं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद मचे...

More »

चंद्रशेखरन की सफलता के मायने-- आर. सुकुमार

तकनीकी शिक्षा के मामले में 1980 के दशक का तमिलनाडु अगुवा था। भले ही पठन-पाठन के संदर्भ में वह उतना न हो, मगर माहौल और परिस्थिति के संदर्भ में जरूर था। उस दशक में राज्य सरकार ने निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को मंजूरी दी थी। हालांकि ऐसा करने वाला एकमात्र राज्य तमिलनाडु नहीं था। लगभग उसी समय कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश ने भी अपने दरवाजे निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए...

More »

अल्पसंख्यक स्कूलों ने दी दिल्ली सरकार की नर्सरी दाखिला नीति को चुनौती

सरकारी जमीन पर बने अल्पसंख्यक स्कूलों को भी केजरीवाल सरकार की ओर से नर्सरी कक्षा में दाखिले के लिए जारी दिशा-निर्देश नहीं भाया। अल्पसंख्यक स्कूलों ने भी दाखिले के लिए जारी इस दिशा-निर्देश को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए इसे रद्द करने की मांग की है। जस्टिस मनमोहन ने इस मामले में केजरीवाल सरकार को नोटिस जारी कर 19 जनवरी तक जवाब देने को कहा है। हालांकि उन्होंने अल्पसंख्यक स्कूलों की...

More »

मरती हुई झीलों को मिल रही जिंदगी--

ऐसे कई उदाहरण हैं, जब एक अकेले इनसान ने अपनी कोशिशों से अपने आसपास के सूरत-ए-हाल को बदल डाला है. आज की स्टोरी में हम आपको एक ऐसे ही ‌व्यक्ति के काम के बारे में बता रहे हैं, जिसने अपने अथक प्रयास से झीलों को पुनर्जीवन दे दिया.   क्या हम सिर्फ अपने लिए जवाबदेह हैं, या अपने परिवार के लिए या अपने समुदाय के लिए? तो फिर धरती, पहाड़ों, नदियों...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close